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नई आयकर व्यवस्था में विशेष रूप से मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत - Isha Waykool Published on: 01.02.2020
नई आयकर व्यवस्था में विशेष रूप से मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत
केन्द्रीय बजट में करदाताओँ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए और आयकर कानून को सरल बनाने के लिए एक नई और सरल व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा जो कटौतियों और छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे। वर्ष 2020-21 के लिए संसद में आज केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, “नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी।” उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे आयकर कानून के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है।
नई व्यक्तिगत आय कर व्यवस्था में निम्नलिखित कर ढांचे का प्रस्ताव रखा गया है :
कर योग्य आय का स्लैब (रुपये में) आय कर की वर्तमान दरें नई कर दरें
0-2.5 लाख छूट छूट
2.5-5 लाख 5 प्रतिशत 5 प्रतिशत
5-7.5 लाख 20 प्रतिशत 10 प्रतिशत
7.5-10 लाख 20 प्रतिशत 15 प्रतिशत
10-12.5 लाख 30 प्रतिशत 20 प्रतिशत
12.5-15 लाख 30 प्रतिशत 25 प्रतिशत
15 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत 30 प्रतिशतनई कर व्यवस्था में किसी करदाता द्वारा दायर छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा। अतः नई कर व्यवस्था में उसका कर भार 78,000 रुपये कम हुआ है। वह नई व्यवस्था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर कानून के अध्याय VI-क की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले रहा हो।
नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। यदि कोई व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार जो वर्तमान में कानून के तहत और अधिक कटौतियां और छूटे ले रहा है, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान करना जारी रख सकता है। वित्त विधेयक में किए गए प्रावधानों के अनुसार, विकल्प का इस्तेमाल प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की व्यवसाय से कोई आमदनी नहीं है और अन्य मामलों में यदि विकल्प का एक बार पिछले वर्ष के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है, तो वह पिछले वर्ष और उसके बाद के सभी वर्षों के लिए मान्य होगा। पिछले वर्ष अथवा पिछले वर्षों के लिए यह विकल्प अमान्य हो सकता है यदि व्यक्ति अथवा एचयूएफ लागू होने वाले कानून की शर्तों और अन्य प्रावधानों को पूरा करने में विफल रहता है।
नई आयकर दरों के लिए प्रतिवर्ष 40,000 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व छोड़ना अवश्य होगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “हमने ऐसे उपाय शुरु किए हैं जिससे आयकर रिटर्न को समयपूर्व भरा जा सके ताकि कोई भी व्यक्ति जो नई व्यवस्था को अपनाता है उसे अपना रिटर्न दायर करने और आयकर का भुगतान करने में किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने की जरूरत नहीं होगी।” वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के लिए, उन्होंने पिछले अनेक दशकों में आयकर कानूनों में शामिल की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की है।
बजट में, विभिन्न प्रकृति (100 से अधिक) की 100 से अधिक छूटें और कटौतियों प्रदान की गई है। सरलीकृत व्यवस्था में इनमें से लगभग 70 छूटों और कटौतियों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। शेष छूटों और कटौतियों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले वर्षों में उन्हें युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि कर व्यवस्था को और सरल बनाया जा सके तथा करों की दरें कम की जा सके।
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कैबिनेट ने भारत और ब्राजील के बीच तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी - Published on: 23.01.2020
कैबिनेट ने भारत और ब्राजील के बीच तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में तेल और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ब्राजील के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दी।
इस समझौता ज्ञापन से भारत और ब्राजील के बीच तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष भारत और ब्राजील में ईएंडपी पहलों में सहयोग स्थापित करने, इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, ब्राजील, भारत एवं तीसरी दुनिया के देशों में द्रवित प्राकृतिक गैस (एलएनजी) परियोजनाओं में सहयोग की संभावनाएं तलाशने और ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा अनुसंधान विकास एवं क्षेत्रीय ऊर्जा संरचना नेटवर्क के विस्तार जैसी ऊर्जा नीतियों सहित तेल ऊर्जा और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे।
समझौता ज्ञापन पर इसी महीने ब्राजील के राष्ट्रपति के भारत आने पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
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केंद्रीय आम बजट 2020-21 की मुद्रण प्रक्रिया शुरू
नई दिल्ली: केंद्रीय आम बजट 2020-21 की बजट मुद्रण प्रक्रिया शुरू होने के उपलक्ष्य में हलवा समारोह का केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में आयोजन किया गया।
केंद्रीय आम बजट 2020-21 को 1 फरवरी, 2020 को पेश किया जाना है। बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, बजट बनाने में शामिल पदाधिकारियों का “लॉक-इन” है। केंद्रीय बजट प्रस्तुत होने तक की अवधि के लिए सभी पदाधिकारी नॉर्थ ब्लॉक स्थित बजट प्रेस में ही रहते हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद ही अपने निकट और प्रियजनों के संपर्क में आएंगे।
हलवा समारोह में, श्रीमती सीतारमण के साथ केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव श्री राजीव कुमार, सचिव डीईए श्री अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव डॉ.ए.बी. पांडे, सचिव डीआईपीएएम श्री तुहिन कांत पांडे, सचिव व्यय श्री टी.वी. सोमनाथन और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
सीबीडीटी अध्यक्ष श्री पी.सी. मोदी, सीबीआईसी अध्यक्ष श्री जॉन जोसेफ, सीबीडीटी और सीबीआईसी के सदस्य, संयुक्त सचिव (बजट) श्री रजत मिश्रा के अलावा बजट तैयार करने और मुद्रण प्रक्रिया में शामिल वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बाद में, वित्त मंत्री ने प्रेस का दौरा किया और बजट मुद्रण प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली।
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तुरंत निपटा लें बैंक का कामकाज, 8 जनवरी को हो सकती है हड़ताल
नई दिल्ली: भारत के प्रमुख बैंक यूनियनों ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में 8 जनवरी को देशव्यापी आम हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इससे देशभर में बैंकों की शाखाओं और एटीएम में सामान्य बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन नेट बैंकिंग सेवाओं और संबंधित स्थानांतरण पर असर नहीं पड़ेगा।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और भारतीय बैंक कर्मचारी फेडरेशन (BEFI) सहित कुल 10 केंद्रीय बैंक यूनियन इस देशव्यापी आम हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं तथा अपने सदस्यों और कर्मचारियों से आगामी बुधवार को काम पर नहीं जाने को कहा है। AIBEA के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया कि नौकरी की सुरक्षा और रोजगार सृजन के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये जा रहे संशोधनों को रोकने की मांगों के लिए यह हड़ताल की जा रही है। इसके साथ ही, बैंक यूनियन बैंकिंग क्षेत्र में सरकार द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म्स और बैंकों के विलय का भी विरोध कर रहे हैं।
वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियनों के विरोध के बावजूद सरकार बैंकों का निजीकरण और गैरजरूरी विलय करने की नीति पर चल रही है। दूसरी तरफ़, कॉर्पोरेट घरानों से ऋणों की वसूली को नजरअंदाज करते हुए उन्हें भारी रियायतें भी दी जा रही हैं, जबकि आम लोगों के लिए सेवा शुल्कों में लगातार इज़ाफ़े किये जा रहे हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने 7 राज्यों को 5,908 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी - Published on: 07.01.2020
केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने 7 राज्यों को 5,908 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी
दक्षिण पश्चिम मानसून 2019 के दौरान बाढ़ / भूस्खलन / बादल फटने से प्रभावित सात राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए कल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक हुई।
एचएलसी ने दक्षिण पश्चिम मानसून 2019 के दौरान बाढ़ / भूस्खलन / बादल फटने से प्रभावित सात राज्यों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 5908.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी जिसमें असम को 616.63 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश को 284.93 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 1869.85 करोड़ रुपये, मध्यप्रदेश को 1749.73 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 956.93 करोड़ रुपये, त्रिपुरा को 63.32 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश को 367.17 करोड़ रुपये देने को मंजूरी दी।
बैठक में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, गृह, वित्त, कृषि मंत्रालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने चार राज्यों को 3200 करोड़ रुपये की अंतरिम वित्तीय सहायता जारी की थी जिनमें कर्नाटक को 1200 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 1000 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 600 करोड़ रुपये और बिहार को 400 करोड़ रुपये जारी किए थे। इसके अलावा, 2019-20 के दौरान, अभी तक, केंद्र सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के रूप में 27 राज्यों को 8068.33 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों के अलावा समय-समय पर रसद और वित्तीय संसाधन प्रदान करके राज्य सरकारों को पूर्ण सहायता प्रदान करती रही है।
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वित्त मंत्री ने जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक की
नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2020-21 के संबंध में आज नई दिल्ली में जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ अपनी आठवीं बजट-पूर्व सलाह-मशविरा बैठक की। विचार-विमर्श के दौरान जिन विषयों पर फोकस किया गया उनमें देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए संभावित आवश्यक कदम, विनिर्माण एवं सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए रोजगार उन्मुख विकास, राजकोषीय गणना में पारदर्शिता, मौद्रिक नीति संबंधी लाभ देना, सरकार की ओर से राजकोषीय विवेक एवं राजकोषीय प्रोत्साहन, गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (एनबीएफसी) का पुनरुद्धार और महंगाई को लक्षित करना मुख्य थे। इस बैठक में वित्त सचिव श्री राजीव कुमार, आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती, राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय, डीआईपीएएम में सचिव श्री तुहिन कांत पांडेय, सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री प्रमोद चन्द्र मोदी, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. सुब्रमण्यन और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। अर्थशास्त्रियों ने भारत की विकास गाथा के प्रति अपनी उम्मीदें व्यक्त करते हुए वे तरीके सुझाये, जिनकी मदद से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। इसी तरह देश में आर्थिक विकास की गति बनाए रखने के लिए और अधिक निवेश आकर्षित करने, सभी सेक्टरों में नीतिगत विषयों को सुव्यवस्थित करने एवं नीतिगत मुद्दों को तेजी से सुलझाने, राजकोषीय प्रबन्धन, विद्युत क्षेत्र में सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सरलीकरण से जुड़े ढांचागत सुधारों एवं प्रत्यक्ष कर संहिता संबंधी सुधारों के जरिये दीर्घकालिक सुधारों पर फोकस करने, अर्थव्यवस्था के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) को सुरक्षित बनाने, राजकोषीय घाटे, आर्थिक नीति निर्माण में निरंतरता, भूमि एवं श्रम सुधारों, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाने के तरीकों, वित्तीय बाजारों की निगरानी बढ़ाने, अल्प बचत दर में वृद्धि, कृषि निर्यात और वित्तीय बचत बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के बारे में भी अनेक अहम सुझाव इस दौरान दिए गए। इस बैठक के प्रमुख प्रतिभागियों में श्री नीलकंठ मिश्रा, क्रेडिट सुईस; श्री रथिन रॉय, निदेशक, एनआईएफपी; श्री सुनील जैन, प्रबंध संपादक, फाइनेंशियल एक्सप्रेस; श्री शेखर शाह, महानिदेशक, एनसीएईआर; श्री अरविंद विरमानी, अर्थशास्त्री; श्री सुरजीत एस. भल्ला, प्रबंध निदेशक, ओ (एक्स) यूएस इन्वेस्टमेंट; श्री अभीक बरुआ, मुख्य अर्थशास्त्री, एचडीएफसी बैंक; श्री सौम्य कांति घोष, समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारतीय स्टेट बैंक; श्री अजीत मिश्रा, निदेशक, आर्थिक विकास संस्थान; श्री अजीत रानाडे, मुख्य अर्थशास्त्री, आदित्य बिड़ला समूह; श्री प्रसन्ना तंत्री, सहायक प्रोफेसर (वित्त), इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस; श्री राहुल बाजोरिया, मुख्य अर्थशास्त्री, बार्कलेज इन्वेस्टमेंट बैंक और श्री सुवोदीप रक्षित, वाइस प्रेसीडेंट, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड; श्री सचिन चतुर्वेदी, महानिदेशक, आरआईएस, इत्यादि शामिल थे।
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‘जेम’ ने भुगतान संबंधी सेवाओं के लिए यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए - Isha Waykool Published on: 19.12.2019
‘जेम’ ने भुगतान संबंधी सेवाओं के लिए यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली: गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) ने पोर्टल के पंजीकृत उपयोगकर्ताओं (यूजर) को विभिन्न तरह की सेवाएं मुहैया कराने के लिए 16 दिसम्बर, 2019 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक के साथ दो सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। जेम पूल एकाउंट्स (जीपीए) के जरिए धनराशि का हस्तांतरण और ई-परफॉरमेंस बैंक गारंटी (ई-पीबीजी) एवं बयाना राशि या अग्रिम धन जमा करने के बारे में सलाह देना इन सेवाओं में शामिल हैं।
‘कागज रहित, संपर्क रहित और नकद रहित’ प्रणाली सुनिश्चित करने के लक्ष्य को साकार करने के लिए भुगतान और विभिन्न बैंकिंग सेवाओं का एकीकरण जेम की विभिन्न प्राथमिकताओं में से एक है। इन कार्यकलापों को पूरा करने के लिए ‘जेम’ पहले ही 19 सार्वजनिक और निजी बैंकों के साथ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर कर चुका है।
इस एमओयू पर एस सुरेश कुमार, अतिरिक्त सीईओ (जेम) और अनिल कुमार, महाप्रबंधक, यूको बैंक तथा वी डी कोल्हटकर, फील्ड जनरल मैनेजर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने हस्ताक्षर किए।
जेम इसके अलावा बिल डिस्काउंटिंग और कार्यशील पूंजी का वित्तपोषण करने के लिए बैंकों, ट्रेड्स और सिडबी के साथ भी मिलकर काम कर रहा है जिसके तहत पूंजी की लागत को जेम पर किसी भी विक्रेता के प्रदर्शन और रेटिंग से जोड़ा जाता है। इससे सामान्य रूप से विक्रेताओं, विशेषकर एमएसएमई की आसान ऋणों तक पहुंच सुनिश्चित करने और सरकार के साथ बेहतर ढंग से व्यवसाय करने में मदद मिलेगी। जेम इसके अलावा ईएमडी पूल खाते के सृजन पर विचार कर रहा है, ताकि विक्रेताओं को बोलियों के लिए पहल करते समय ईएमडी आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी आसानी हो सके।
जेम एसपीवी दरअसल केंद्र और राज्य सरकारों के संगठनों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए बेहतर व पारदर्शी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है। यह भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत ऑनलाइन खरीद की सुविधा के लिए एकल स्थल वाला समावेशी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाता है। जेम पारदर्शी और बेहतर खरीद सुनिश्चित करने हेतु सीधी खरीद, बोली लगाने और रिवर्स नीलामी के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराता है।
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वित्त मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटैक और स्टार्ट अप के प्रतिनिधियों के साथ बजट-पूर्व पहला विचार-विमर्श किया - Published on: 17.12.2019
वित्त मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटैक और स्टार्ट अप के प्रतिनिधियों के साथ बजट-पूर्व पहला विचार-विमर्श किया
केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2020-21 के संबंध में विभिन्न साझेदार समूहों के साथ आज नई दिल्ली में बजट पूर्व विचार-विमर्श शुरू कर दिया। उनकी पहली बैठक डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटैक और स्टार्ट अप के साझेदार समूहों के साथ हुई।
बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें आंकड़ों से जुड़े मुद्दे जैसे बृहत आंकड़ों से जुड़ी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, बृहत आंकड़ों का विश्लेषण, एसएमई क्षेत्र के लिए बृहत आंकड़ों की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और लोक प्रशासन के लिए बृहत आंकड़े खोलना शामिल हैं। विचार-विमर्श के दौरान जिन अन्य मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की गई उनमें डिजिटल बुनियादी ढांचा और सरकार की भूमिका, डिजिटल अर्थव्यवस्था खासतौर से गोपनीयता पर नियंत्रण, वित्तीय नियंत्रण, स्टार्ट-अप के लिए कारोबार में सुगमता का माहौल, डिजिटल इंडिया के लिए आधारभूत संरचना अंतर, कराधान का मुद्दा शामिल है।
वित्त मंत्री के साथ बैठक में वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव श्री राजीव कुमार, आर्थिक कार्य सचिव श्री अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पाण्डेय, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी, दूरसंचार विभाग में सचिव श्री अंशु प्रकाश, सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री प्रमोद चन्द्र मोदी, सीअीआईसी के अध्यक्ष श्री पी.के. दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. सुब्रह्मणयम और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटैक और स्टार्ट-अप के प्रतिनिधियों ने बृहत आंकड़ों, आंकड़ा केन्द्रों की स्थापना को प्रोत्साहन, आंकड़ों के स्थानीयकरण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, ग्रामीण इलाकों में डिजिटल प्रवेश के लिए प्रोत्साहन, अन्य देशों के साथ प्रतिर्स्धा के लिए स्टार्ट-अपों को कॉरपोरेट गांरटी, एमएटी कर दर को युक्ति संगत बनाना, स्टार्ट-अप इकाइयों के लिए कर में छूट, सीमा पार से होने वाले वित्तीय अपराधों को देखने के लिए विशेष एजेंसी का गठन, महिला रोजगार को बढ़ावा (कौशल विकास में मिलने वाला लाभ), भारत में अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप और अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन के साथ कौशल विकास में युवाओं को प्रशिक्षण देने के संबंध में अपने विचारों और सुझावों को साझा किया। हालांकि, विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सुधारों का सुझाव दिया, उन्होंने किसी विशेष क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के अनेक समाधान सुझाए। अनेक वक्ताओं ने स्टार्ट-अप को करों में छूट देने और देश में उन्हें प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
बैठक में भाग लेने वालों में विप्रो लिमिटेड के मुख्य ग्लोबल विधि अधिकारी (सीएलओ) श्री दीपक आचार्य, इलेक्ट्रॉनिक और कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष श्री मनदीप सिंह पुरी, जीयो मोबाइल्स की सुश्री विशाखा सैगल, आईआईएम रोहतक के निदेशक श्री धीरज पी. शर्मा, एमएआईटी के सीईओ श्री जॉर्ज पॉल, सार्वजनिक नीति, नैस्कॉम के प्रमुख श्री आशीष अग्रवाल, चैम्बर्स ऑफ स्टार्ट-अप्स, इंडस्ट्रीज एंड एंट्रीप्रिन्योर (इंडिया) काउंसिल के अध्यक्ष श्री सुनील मग्गो, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के श्री आनन्द नंद कुमार, ईएलसीआईएन के अध्यक्ष श्री अमृत मनवानी, लेंसकार्ट के संस्थापक श्री पीयूष बंसल, उबर इंडिया और साउथ एशिया के कर प्रमुख श्री अमित बंसल, वेलंकानी इलेक्ट्रॉनिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड के वित्तीय नियंत्रक श्री एच. नागराज, एप्पल इंडिया के रणनीति और नीति प्रबंध निदेशक श्री विराट भाटिया, भारतीय दूरसंचार उपकरण निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री एन.के. गोयल, भारतीय सेल्युलर और इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पंकज महेन्द्रू, इंडियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस की प्रोफसेर सुश्री दीपा मणि, लावा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री हरिओम राय और पेटीएम के श्री मधुर देवड़ा शामिल हैं।
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नए जीएसटी रिटर्न के लिए ‘राष्ट्रव्यापी जीएसटी हितधारक फीडबैक दिवस’ कल मनाया जाएगा - Published on: 06.12.2019
नए जीएसटी रिटर्न के लिए ‘राष्ट्रव्यापी जीएसटी हितधारक फीडबैक दिवस’ कल मनाया जाएगा
नई दिल्ली: केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी से जुड़े प्राधिकरण कल यानी 07 दिसम्बर, 2019 को नए जीएसटी रिटर्न के लिए राष्ट्रव्यापी जीएसटी हितधारक फीडबैक दिवस मनाएंगे, ताकि 01 अप्रैल, 2010 से अमल में लाये जाने वाले नए जीएसटी रिटर्न के बारे में मौके पर ही आवश्यक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो सकें। इसके तहत अनुपालन में हो रही आसानी के आकलन और इन नये रिटर्नों की अपलोडिंग पर फोकस किया जाएगा, ताकि जब ये रिटर्न वैधानिक दृष्टि से अनिवार्य हो जाएं, तो कारोबारियों को किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। फीडबैक से जुड़े इन सत्रों में वाणिज्य एवं उद्योग जगत के सभी जाने-माने चैम्बर या मंडल और करदाताओं, टैक्स प्रैक्टिशनरों एवं अनुपालन प्रबंधकों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य संगठन भाग लेंगे। इस अवसर पर कर अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, जो करदाताओं का मार्गदर्शन करेंगे और इसके साथ ही नए रिटर्नों को उपयोग में लाने के लिए उनकी सहायता करेंगे। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लागू करने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर करदाता परामर्श की व्यवस्था की गई है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 16 नवंबर, 2019 को कुछ जीएसटी करदाताओं, चार्टर्ड एकाउंटेंटों और टैक्स प्रैक्टिशनरों को आमंत्रित किया था, ताकि विभिन्न जीएसटी रिटर्नों, विशेषकर 01 अप्रैल, 2020 से अमल में लाए जाने वाले नए रिटर्नों के बारे में प्राप्त आरंभिक प्रतिक्रियाओं का आकलन किया जा सके। कई उपयोगी सुझाव भी प्राप्त हुए थे।
सभी जीएसटी हितधारकों से अनुरोध किया गया है कि वे देश भर में मौजूद अपने निकटवर्ती सीजीएसटी अथवा एसजीएसटी कार्यालय में होने वाले इन फीडबैक सत्रों में सक्रियता के साथ भाग लें।
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“वाई-फाई की सुविधा वाले 5400 से अधिक स्टेशन आने वाले समय में रेलवे स्टेशनों को डिजिटल बदलाव का केन्द्र बनाने में मदद करेंगे” - Isha Waykool Published on: 27.11.2019
“वाई-फाई की सुविधा वाले 5400 से अधिक स्टेशन आने वाले समय में रेलवे स्टेशनों को डिजिटल बदलाव का केन्द्र बनाने में मदद करेंगे”
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) रेलटेल ने 25 नवम्बर, 2019 को नई दिल्ली में अपना 20वां स्थापना दिवस मनाया। रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी. अंगड़ी भी इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री विनोद कुमार यादव, रेलवे बोर्ड के सदस्य (सिग्नल एवं दूरसंचार) श्री प्रदीप कुमार, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य तथा रेलवे, दूरसंचार विभाग (डॉट) एवं रेलवे के पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी और दूरसंचार क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेलटेल की अभूतपूर्व यात्रा के लिए उसे बधाई दी। गोयल ने कहा कि रेलटेल सही मायनों में नई सदी का पीएसयू है जिसका इतिहास तो संक्षिप्त है लेकिन उज्ज्वल भविष्य काफी लंबा है। उन्होंने कहा कि रेलटेल ने 5400 से भी अधिक रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा के जरिए देश के हर कोने में वाई-फाई उपलब्ध कराकर उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि रेलटेल अब विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है, इसलिए उसे आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने और 10000 करोड़ रुपये की कंपनी बनने का लक्ष्य तय करने की जरूरत है।
रेलटेल की स्टेशन वाई-फाई परियोजना की सराहना करते हुए श्री गोयल ने कहा, ‘वाई-फाई की सुविधा वाले 5400 से अधिक स्टेशन आने वाले समय में रेलवे स्टेशनों को डिजिटल बदलाव का केन्द्र बनाने में मदद करेंगे।’
रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश सी. अंगड़ी ने इस अवसर पर कहा कि रेलटेल ने अपनी शुरुआत 15 करोड़ रुपये की कंपनी के रूप में की थी और अब यह 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कंपनी है। श्री अंगड़ी ने छोटी सी अवधि में ही 5400 से भी अधिक स्टेशनों को वाई-फाई से कनेक्ट करने के लिए रेलटेल को बधाई दी। श्री अंगड़ी ने रेलटेल के सीएमडी को ‘भारतनेट’ के तहत ग्राम पंचायतों को आपस में तेजी से कनेक्ट करने की सलाह दी, ताकि गांवों में रहने वाले लोगों को भी वाई-फाई सेवा मिल सके।
रेलटेल के सीएमडी श्री पुनीत चावला ने अपने स्वागत भाषण में रेलटेल द्वारा विगत वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। श्री चावला ने इस तथ्य पर विशेष जोर दिया कि रेलटेल भी बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद दूरसंचार क्षेत्र के उन चुनिंदा पीएसयू में शामिल है जो लगातार मुनाफा कमा रहे हैं, लाभांश का भुगतान कर रहे हैं और कर्ज मुक्त हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में रेलटेल का कारोबार 1017 करोड़ रुपये का रहा और उसका परिचालन मार्जिन 184 करोड़ रुपये आंका गया।
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कैबिनेट ने दूरसंचार सेवा क्षेत्र के वित्तीय संकट को कम करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी - Isha Waykool Published on: 21.11.2019
कैबिनेट ने दूरसंचार सेवा क्षेत्र के वित्तीय संकट को कम करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित तरीके से दूरसंचार सेवा क्षेत्र के वित्तीय संकट को कम करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है:
दूरसंचार विभाग इसके तहत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी की बकाया किस्तों के भुगतान को स्थगित करने का विकल्प या तो एक वर्ष अथवा दोनों ही वर्षों के लिए देगा। टीएसपी इन टाली गई धनराशियों की अदायगी शेष समान किस्तों में कर सकेंगे। हालांकि, संबंधित स्पेक्ट्रम की नीलामी करते वक्त जो निर्दिष्ट ब्याज होगा, उसका भुगतान करना होगा, ताकि एनपीवी को संरक्षित रखा जा सके।
स्पेक्ट्रम नीलामी से जुड़ी किस्तों की अदायगी को टाल देने से संकटग्रस्त टीएसपी के पास नकदी का प्रवाह बना रहेगा और उन्हें वैधानिक देनदारियों के साथ-साथ बैंक ऋणों पर देय ब्याज का भुगतान करने में सुविधा होगी। इसके अलावा, टीएसपी का परिचालन जारी रहने से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। यही नहीं, टीएसपी की वित्तीय सेहत बेहतर रहने से उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं की उच्च गुणवत्ता को बनाए रखने में भी आसानी होगी।
स्पेक्ट्रम नीलामी की किस्तों की अदायगी को दो साल टालने के निर्णय को एक पखवाड़े के भीतर लागू कर दिया जाएगा। संचार मंत्री की मंजूरी मिलते ही लाइसेंस में संशोधन को अत्यंत तेजी से जारी कर दिया जाएगा।
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22 करोड़ रुपये के फर्जी GST चालान जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश - Isha Waykool Published on: 15.11.2019
22 करोड़ रुपये के फर्जी GST चालान जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
नई दिल्ली: सेन्ट्रल जीएसटी दिल्ली नॉर्थ की कमिशनरी ने वस्तुओं और सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना फर्जी चालान जारी करने के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में नवीन मुटरेजा और केशवराम को गिरफ्तार किया गया है और पटियाला हाऊस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपी 42 फर्जी कंपनियां चला रहे थे, जो धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को आगे बढ़ाने का काम करती थी, जिसके कारण सरकारी खजाने को धोखे से लूटा जा रहा था। प्रथम दृष्ट्या धोखाधड़ी से करीब 22 करोड़ रुपये के चालान काटे गये, जिसमें 150 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी।
दोनों आरोपी अन्य बातों के अलावा दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की फर्जी कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण प्राप्त कर लेते थे और इसके लिए असंदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे तथा करोल बाग, दिल्ली में एक परिसर से इन कंपनियों के वस्तु रहित चालान और ई-वे बिल तैयार करते थे। प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि अनियमित कंपनियों की आतंरिक और बाहरी आपूर्तियों के बीच कोई संबंध नहीं था। इन कंपनियों ने अनेक खरीदारों को धोखे से आईटीसी दे दिया था, जिन्होंने बाहरी आपूर्ति के लिए अपनी जीएसटी देनदारी पूरा करने के लिए इसका लाभ उठाया।
अत: दोनों आरोपियों ने सीजीएसटी कानून, 2017 के धारा 132(1) (बी) और (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत अपराध किया, जो धारा 132(5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती है तथा इस कानून की धारा 132 (1) (आई) के तहत दंडनीय है। इसके अनुसार नवीन मुटरेजा और श्री केशवराम को 14 नवम्बर, 2019 को गिरफ्तार किया गया और 15 नवम्बर, 2019 को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस गिरोह के प्रमुख लाभान्वितों की पहचान करने और जीएसटी की वसूली के लिए जांच चल रही है।
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क्या फिर होगी नोटबंदी? जमा किए जा रहे 2000 रुपये के नोट
नई दिल्ली: 31 अक्टूबर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक ब्लॉग पोस्ट में उल्लेख किया कि 2,000 रुपये के करेंसी नोटों को इकट्ठा किया जा रहा है और बिना किसी व्यवधान के नोटबंदी की जा सकती है।
नोटबंदी के तीन साल से एक दिन पहले यानी 7 नवंबर को लिखे ब्लॉग पोस्ट में कहा गया कि 2,000 रुपये के नोट का एक हिस्सा प्रचलन में नहीं है और वर्तमान में “लेनदेन की मुद्रा के रूप में काम नहीं कर रहा है।”
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटेबंदी करने का फैसला किया था।
उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा है कि 2,000 रुपये के नोट का एक अच्छा हिस्सा वास्तव में प्रचलन में नहीं है, इसको इकट्ठा कर दिया गया है. इसलिए, 2,000 रुपये का नोट वर्तमान में लेनदेन की मुद्रा के रूप में काम नहीं कर रहा है और बिना किसी व्यवधान के नोटबंदी की जा सकता है। उन्होंने आगे इन नोटों को बिना किसी काउंटर रिप्लेसमेंट के बैंकों में जमा करने का सुझाव दिया। हालांकि, इसे लेकर अभी तक सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आपको बता दे, काले धन पर नियंत्रण पाने के लिए नोटबंदी की गयी थी, जिसके बाद सरकार की खूब आलोचना भी हुई थी।
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भारत-अमरीका व्यापार वार्ता सही दिशा में: पीयूष गोयल
नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमरीका के आपसी संबंध सबसे बेहतरीन दौर में है और अब दोनों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाने की भी अच्छी संभावनाएं बन रही है। गोयल आज नई दिल्ली में अमरीका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के दूसरे वार्षिक इंडिया लीडरशिप सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
भारत और अमरीका के बीच व्यापार वार्ता का जिक्र करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि यह सही दिशा में आग बढ़ रही है। भारत अमरीका से प्रौद्योगिकी नवाचार, कौशल और गुणवत्तायुक्त शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा रखता है और बदले में अमरीकी कारोबारियों और अमरीकी कंपनियों के देश में एक आकर्षक बाजार और कुशल श्रम-बल उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
गोयल ने यूएसआईएसपीएफ को बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत में निवेश के इच्छुक लोगों के लिए एकल खिड़की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। उन्होंने इसके लिए नये विचार और सुझाव आमंत्रित किये। केन्द्रीय मंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को बताया कि उनका मंत्रालय भारत में विनिर्माण इकाई लगाने वाले कंपनियों के लिए लॉजिस्टिक सेवाओं की लागत कम करने के उपाय भी खोजे जा रहे हैं।
यूएसआईएसपीएफ के मुताबिक 2025 भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 238 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। यह वर्तमान रूझानों को उजागर करते हुए द्पिक्षीय संबंधों में विकास और आर्थिक अवसरों के नये रास्तों को रेखांकित करता है। रक्षा, व्यापार, वाणिज्यिक विमान सेवायें, तेल और कोयला, मशीनरी और इलेक्टॉनिक जैसे क्षेत्रों में भारत ने अमरीकी निवेश के लिए प्रचुर संभावनाएं है, जबकि भारत के लिए अमरीकी बाजार में मोटर-वाहन, फार्मा, समुद्री उत्पाद, सूचना प्रौद्योगिकी तथा यात्रा सेवाओं को बढ़ावा देने के मौके हैं।
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भूख से पीड़ित बच्चे कर रहे हैं गन्ने की चोरी
बुलावायो: ज़िम्बाब्वे में टोकवे-मुकोर्सी बांध के निर्माण से विस्थापित परिवारों के स्कूली बच्चों ने गन्ने से लदी ट्रेड रोक कर गन्ना चुराने लगे हैं। इन गन्नों को मिलों में पेराई के लिए ले जाया जा रहा था।
ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रीय रेलवे के अनुसार स्कूली बच्चे पर ट्राइंगल में टोंगाट हुलेट चीनी मिलों के लिए जा रहे गन्ने को लूटने का आरोप है। कुछ अभिभावकों पर अपने बच्चों के साथ गाड़ियों को लूटने का भी आरोप लगाया गया है। चलती माल गाड़ियों से गन्ना चुराने के दौरान कुछ बच्चों के घायल होने की भी खबर है।
गन्ने की चोरी को देखते हुए गत सप्ताह जिंबावे रेलवे ने इस क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि हमें चिंगविजी में महिलाओं और बच्चों को संभालना भारी पड़ने लगा है। क्योंकि ज्यादातर चीनी मिलों के लिए गन्ने की ट्रेन इसी रास्ते से गुजरती हैं।
Newzimbabwe.com के साथ एक साक्षात्कार में नेशनल रेलवे ऑफ जिंबावे के जनसंपर्क प्रबंधक न्याशा मरावणिका ने कहा कि बीते शुक्रवार को हमने टोंगाट हुलेट अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पारंपरिक नेताओं की एक बैठक की और मुद्दे को हल करने के लिए जागरूकता बैठक की। बैठक के दौरान मारवणिका ने कहा कि हमें यह पता चला कि कुछ माता-पिता सही में अपने बच्चों को गाड़ियों पर छापा मारने और गन्ना चुराने के लिए भेज रहे थे। उन्होंने कहा कि एक बच्चे ने ऐसी कार्रवाई में कुचलने से पैर खो दिया। उन्होंने कहा कि चोरी का मुख्य कारण भूख है। हम इसे दबा नहीं सकते।
मारवणिका ने कहा कि ट्रेनों पर पत्थर मारकर रोकने और गन्ना चुराने की घटना बेहद चिंताजनक है।
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भारत में एथेनॉल बनाने के संयत्र के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश करना होगा - Isha Waykool Published on: 22.10.2019
भारत में एथेनॉल बनाने के संयत्र के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश करना होगा
नई दिल्ली: भारत में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, भारत में चीनी मिलें एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करने के लिए तैयार दिख रही हैं। केन्द्रीय पेट्रोलियम और गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को भारत में एथेनॉल उद्योग में अधिक निवेश की उम्मीद हैं। आज नई दिल्ली में अमरीका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच के दूसरे वार्षिक इंडिया लीडरशिप सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जहा उन्होंने एथेनॉल के भविष्य पर चर्चा की।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण की मात्रा को धीरे धीरे बढ़ाया जा रहा है। साल 2015 में जहां यहां मात्रा एक प्रतिशत थी वहीं अब इसे बढ़ाकर 6 प्रतिशत तक ले आया गया है। भविष्य में इसमें और बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार देश में उपलब्ध 600 मेट्रिक टन गैर-जीवाश्म बॉयोमास का भरपूर इस्तेमाल जैव-ईंधन के लिए करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि देश में एथेनॉल बनाने के संयत्र लगान के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश करना होगा। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि अमरीका अपने प्रौद्योगिकी नवाचार और पूंजी संसाधनों का भारत में निवेश कर देश की जैव-ईंधन क्रांति में भागीदार बन सकता है।
देश में चीनी अधिशेष से निपटने के लिए सरकार ने मिलों को चीनी एथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दी है। हालही में केंद्र सरकार ने बी- हैवी मोलासेस वाले एथेनॉल की कीमतें 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर कर दी हैं और वही दूसरी ओर सी-हैवी मोलासेस वाले एथेनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये लीटर कर दी हैं। गन्ने के रस, चीनी, चीनी सीरप से सीधे बनने वाले एथेनॉल का भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
एथेनॉल की दाम में वृद्धि से चीनी मिलों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। एथेनॉल उत्पादन से चीनी अधिशेष को कम करने में भी मदद मिलेगी। केंद्र सरकार का 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि एथेनॉल का उत्पादन चीनी मिलों को वित्तीय स्थिति में सुधार करने और गन्ना बकाया को दूर करने में मदद करेगा
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बड़े व्यापारियों को 1 नवंबर से भुगतान का डिजिटल माध्यम मुहैया कराना होगा अनिवार्य - Isha Waykool Published on: 19.10.2019
बड़े व्यापारियों को 1 नवंबर से भुगतान का डिजिटल माध्यम मुहैया कराना होगा अनिवार्य
नई दिल्ली: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले के लिए वित्त मंत्रालय ने 50 करोड़ से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले बिजनेस हाउसेस को 1 नवंबर से अपने ग्राहकों को अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक मोड ऑफ पेमेंट का इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा कोई शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर), जो बैंक भुगतान प्रणाली और बैंक वाणिज्यिक लेनदेन पर लगाते हैं, – ग्राहकों या व्यापारियों पर नहीं लगाया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बैंकों को भुगतान प्रणाली प्रदाताओं से एक आवेदन मंगाया है, जिसमें कहा गया हो कि वे नई भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए तैयार हैं।
डिजिटल मोड के माध्यम से किया गया भुगतान मध्यम और बड़े आकार के बिजनेसेस के लेनदेन को अधिक पारदर्शी बनाएगा और इससे टैक्स चोरी को रोका जा सकेगा।
डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने के लिए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 50 करोड़ से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ग्राहकों को कम लागत वाले डिजिटल मोड्स भुगतान की पेशकश करनी होगी और ग्राहकों और व्यापारियों पर शुल्क या एमडीआर नहीं लगाना होगा।
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तमिलनाडु: चीनी मिलों ने बैंकों से कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाने की मांग की - Isha Waykool Published on: 16.10.2019
तमिलनाडु: चीनी मिलों ने बैंकों से कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाने की मांग की
चेन्नई: चीनी की उत्पादन लागत ज्यादा और चीनी की बिक्री दर में कमी के कारण तमिलनाडु की कई सारी चीनी मिलें करोड़ों का घाटा उठा रही है, जिससे मिएँ बैंकों के कर्ज के तले दबी हुई है। कर्ज और उसके बढ़ते ब्याज से बेहाल तमिलनाडु की कुछ चीनी मिलों की मदद के लिए बैंक रास्ते तलाश रहे हैं। खराब मॉनसून और चीनी की कम कीमतों के कारण मिलों के मुनाफे को घाटे में बदल दिया है। बढ़ते कर्ज के कारण राज्य की पांच चीनी मिलें तो बैंकों के लिए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट बन गई हैं। इन मिलों ने अब बैंकों से कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाने की मांग की है। तमिलनाडु में गन्ने से चीनी की रिकवरी कम रहती है। चीनी मिलों के मुताबिक, उत्पादन क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं होने की वजह से यहां चीनी की प्रॉडक्शन कॉस्ट ऊपर है। बढ़ती प्रॉडक्शन कॉस्ट मिलों को गहरे आर्थिक संकट की तरफ धकेल रही है।
तमिलनाडु के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चीनी मिलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं, लेकिन अब मिलें संकट में फंसने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी डगमगाई है। चीनी मिलों के सामने लोन चुकाने के संकट से किसान भी चिंतित हैं। हालांकि, चीनी मिलों के लिए आने वाले समय में स्थिति सुधर सकती है। केंद्र सरकार एथेनॉल पर जोर दे रही है और देश में चीनी का उत्पादन कम होने और निर्यात की संभावना बढ़ने से मिलों का मुनाफा बढ़ सकता है। चीनी मिलों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को भी ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है।
आपको बता दे, हालही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया था की वे राज्य के चीनी उद्योग को संकट से बाहर निकालने में मदद करेंगी। सीतारमण, जो ‘मोदी सरकार के 100 दिनों में उपलब्धियां’ को समझाने के लिए चेन्नई में थीं, ने तमिलनाडु में चीनी उद्योग के प्रतिनिधियों को उनकी मुसीबतों पर काबू पाने में मदद करने का आश्वासन दिया है। अब राज्य का चीनी उद्योग मदद के लिए सरकार पे नजरे टिकाए हुए है।
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मध्यप्रदेश में जल्द ही आएगी नई गन्ना नीति
नरसिंहपुर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि वे राज्य में गन्ना किसानों के हित में शीघ्र ही एक नई नीति लाने वाले हैं जिससे कि किसानों के भुगतान आसानी से हो सके। उन्होंने इस नीति के साथ साथ राज्य में निवेश को भी आकर्षित करने के प्रयास करेंगे ताकि यहां के नौजवानों का भविष्य बन सके और लोगों को रोजगार मिल सके। कमलनाथ नरसिंहपुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
नरसिंहपुर में मुख्यमंत्री ने तकरीबन 11 करोड़ रुपए के खर्च से तैयार 100 बिस्तरों के अत्याधुनिक जिला अस्पताल का उदघाटन किया। साथ ही उन्होंने केरपानी पुल, शॉपिंग कांप्लेक्स, हॉकी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ और सड़क निर्माण के लिए भूमिपूजन और लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज कृषि क्षेत्र के लिए एक चुनौती था। उन्होंने कहा कि हमने 21 लाख किसानों के ऋण को माफ कर दिया है। इसके दूसरे चरण का भी काम शुरु हो चुका है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य में नीतिगत सतत विकास के लिए तैयार है। राज्य के नागरिकों ने जो हममें विश्वास दर्शाया है, उसे हम बनाए रखेंगे।
कमलनाथ के साथ विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति, स्वास्थ्यमंत्री तुलसी सिलावट, सामाजिक न्यायमंत्री लखन घनघोरिया सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और दूसरे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों के कामकाज की समीक्षा की - Isha Waykool Published on: 15.10.2019
वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों के कामकाज की समीक्षा की
केन्द्रीय वित्त और कारपोरेट मामलो की मंत्री निर्मला सीतारामन ने सोमवार को नयी दिल्ली में बैकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियो के साथ बैठक कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में कर्ज दिए जाने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया कि एक से 9 अक्टूबर के बीच कस्टमर आउटरीच कार्यक्रम के तहत पहले चरण में पंजाब नेशनल बैंक ने 81781 करोड़ रूपए के नए रिण प्रदान किए जिसमें 34342 करोड़ रूपए के नए सावधि रिण भी शामिल हैं। बैंको ने 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के दौरान दूसरे चरण के आउटरीच कार्यक्रम के तहत रिण देने के लिए 150 जिलों में शिविर लगाने की अपनी योजना की जानकारी भी दी।
चूंकि रिण उपलबधता कार्यक्रम में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों भी भाग लेंगी इसलिए सूक्ष्म ,लघु और मझौले उद्यमों पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। ऐसे उद्यमों के करीब 40 हजार करोड़ रूपए के बकाया रिण भुगतान के लिए कारपोरेट मामलों का मंत्रालय बैकों को बराबर की मदद करेगा। छोटे उद्यमों को कार्यशील पूंजी की दिक्कत नहीं आए इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बैठक में इसके अतिरिक्ति आवास रिण,वाहन रिण,कृषि रिण,शिक्षा रिण और व्यक्ततिगत रिणों के बारे में भी चर्चा की गई। यह कहा गया कि बैकों में हाल में डाली गई 55 हजार करोड़ रूपए की पूंजी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रिण जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
बैठक में इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास रिण उपलब्ध करान वाले एचएफसी को लगातार वित्तीय मदद दे रहे हैं। सितंबर 2018 से लेकर 10 अक्टूबर 2019 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कुल आर्थिक मदद के रूप में अबतक 397557 करोड़ रूपए तथा पूल बाइआउट्स के तहत के तहत 107792 करोड़ रूपए के कर्ज जारी कर चुके हैं। बैकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जानकारी दी कि वे आशिंक रिण योजना तथा उसके तहत जारी पूल बाइआट्स के तहत रिण देना जारी रखेंगे।
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IRCTC के आईपीओ की हुई शानदार लिस्टिंग
मुंबई: आईआरसीटीसी का आईपीओ ने आज शेयर बाजार में जबरदस्त एंट्री ली। कंपनी के शेयर ने आईपीओ (IPO) इश्यू के 320 रुपये के भाव की तुलना में BSE पर 324 रुपये या 101 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 644 रुपये पर शुरुआत की। NSE पर भी यह 95.62 प्रतिशत बढ़कर 626 रुपये हुआ। कंपनी का बाजार मूल्यांकन सुबह के कारोबार में 10,972 करोड़ रुपये था।
आईआरसीटीसी के इस आम निर्गम को निवेशकों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला और मंदी के वर्तमान दौर में यह निर्गम 111.91 गुना सब्सक्राइब हुआ। यह निर्गम 645 करोड़ रुपये का था और इसे 315-320 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर जारी किया गया था। आईआरसीटी रेलवे के ऑनलाइन रेलवे टिकट और भारत के रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पैकेज्ड पेयजल उपलब्ध कराने वाली एकमात्र इकाई है।
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HSBC बैंक में से जा सकती है 10,000 लोगों की नौकरियां
नई दिल्ली: एचएसबीसी बैंक (HSBC) के 10,000 कर्मचारियों की नौकरी संकट में है। एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी ( HSBC Holdings Plc ) में कॉस्ट-कटिंग चल रही है। बैंक अपने बैंकिंग लागत को कम करने की तैयारी में है। इससे 10000 लोगों को नौकरी से हटाने की चर्चा जोरों पर है। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर बैंक के कुल 2.38 लाख कर्मचारी हैं। प्राप्त खबरों के मुताबिक बैंक पहले 4,700 नौकरियों में कटौती करेगा। अंतरिम सीईओ नोइल क्विन ने कहा कि उनका लक्ष्य पूरे बैंकिंग ग्रुप की लागत को कम करना है।
सबसे पहले अधिक वेतन वाले कर्मचारियों की नौकरी पर नजर रहेगी। गौरतलब है कि इससे पहले HSBC ने अपने भारतीय कार्यालयों से 150 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया था। बैंक ने कहा था कि, उसने वैश्विक स्तर पर अपने परिचालन को नए सिरे से व्यवस्थित करने की प्रक्रिया के तहत यह कदम उठाया है।
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स्विस बैंक के काले धन वाले खाताधारक बेनकाब, भारत सरकार को मिली जानकारी - Isha Waykool Published on: 09.10.2019
स्विस बैंक के काले धन वाले खाताधारक बेनकाब, भारत सरकार को मिली जानकारी
नई दिल्ली: काले धन की जानकारी हासिल करने में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारत सरकार को स्विट्जरलैंड की सरकार ने काले धन वाले खाताधारकों के बैंक खातों से जुड़ी जानकारी सौंपी है।
स्विट्जरलैंड के टैक्स विभाग ने कहा कि काले धन की अगली जानकारी भारत सरकार को साल 2020 में सौंपी जाएगी। गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड में दुनिया के 75 देशों के करीब 31 लाख खातेधारक हैं। इनमें भारत के कई खाताधारक भी हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि उन्हें जो जानकारी मिली है उसमें सभी खाते गैरकानूनी नहीं हैं। सरकारी एजेंसियां अब इस मामले में जांच शुरू करेंगी, जिसमें खाताधारकों के नाम, उनके खाते की जानकारी को बटोरा जाएगा और कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
विदेश में जमा काला धन वापस हिंदुस्तान लाना मोदी सरकार के लिए वर्ष 2014 और 2019 का बड़ा चुनावी मुद्दा रहा था। अब काले धन के खिलाफ इस लड़ाई में मोदी सरकार को अब जाकर कामयाबी मिली है।
इससे पहले जून 2019 में स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा राशि में गिरावट आई है। प्राप्त 2018 के आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों का अब 6757 करोड़ रुपये ही स्विस बैंकों में जमा है। हालांकि, इसमें से कितना काला धन है और कितना नहीं, इसकी जानकारी स्विस बैंकों की ओर से नहीं दी गई थी। पिछली रिपोर्ट में भी ये सामने आया था कि स्विट्जरलैंड द्वारा भारत को सौंपी गई जानकारी में इतनी तो सूचना है कि वहां बैंकों में पैसा रखने वालों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया जा सके।
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अब फ्री नहीं रही जियो से कॉलिंग: एयरटेल और वोडा-आइडिया भी कर सकते है चार्ज! - Isha Waykool Published on: 10.10.2019
अब फ्री नहीं रही जियो से कॉलिंग: एयरटेल और वोडा-आइडिया भी कर सकते है चार्ज!
बुधवार को, रिलायंस जियो ने घोषणा की कि वह अपने ग्राहकों को दूसरे टेलीकॉम नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं के लिए किए गए वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क वसूल करेगा। यह Jio सब्सक्राइबर के लिए एक आश्चर्य की बात है जो अभी तक मुफ्त वॉयस कॉल का आनंद ले रहे थे। आपको बता दे, Jio ऐसा वह इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) की भरपाई के लिए कर रहा है। Jio, जिसने कुछ साल पहले एक धमाके के साथ भारतीय दूरसंचार बाजार में प्रवेश किया ने बुधवार को कहा कि यह अपने उपयोगकर्ताओं को 6 पैसे/मिनट चार्ज करने के लिए “मजबूर” है।
बता दें, जियो को यह फैसला ट्राई के नियमों में अनिश्चितता के चलते लेना पड़ा है। ट्राई पहले IUC को 2020 की शुरुआत के साथ पूरी तरह खत्म करने वाला था, लेकिन इसे रिव्यू किया जा रहा है। अभी किसी दूसरे नेटवर्क पर किए जाने वाले हर कॉल के बदले कंपनियों को दूसरे को 6 पैसे प्रति मिनट आईयूसी देना पड़ता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद से दूसरी कम्पनिया जैसे वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल भी वॉइस कॉल के लिए चार्ज कर सकते हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है की यानी आने वाले दिनों में मोबाइल पर मुफ्त कॉलिंग के दिन खत्म हो सकते हैं। IUC चार्ज को लेकर विवाद लंबे समय से जारी है।
एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया के नेटवर्क पर कॉल करने के लिए जियो के कस्टमर्स को 10, 20, 50 या 100 रुपये के अडिशनल टॉप अप वाउचर खरीदने होंगे ताकि उन्हें अतिरिक्त IUC मिनट मिल सकें।
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आयकर विभाग का राष्ट्रीय ई निर्धारण केंद्र शुरू
राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय ई-निर्धारण योजना (एनईएसी) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री पी.सी. मोदी और सदस्य श्री पी.के. दास, श्री अखिलेश रंजन और श्री प्रभाश शंकर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री पांडेय ने राष्ट्रीय ई-निर्धारण योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह आयकर विभाग के लिए बड़े ही गर्व एवं उपलब्धि की बात है कि उसने छोटी सी अवधि में ही एनईएसी को अस्तित्व में ला दिया है। वर्ष 2017 में एनईएसी की उत्पत्ति को रेखांकित करते हुए श्री पांडेय ने तेज गति के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु अथक प्रयास करने के लिए आयकर विभाग की सराहना की।
श्री पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय ई-निर्धारण केंद्र (एनईएसी) के शुभारंभ के साथ ही आयकर विभाग कर निर्धारण प्रक्रिया में और ज्यादा दक्षता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु ‘फेसलेस ई-निर्धारण’ की शुरुआत कर अपने कामकाज में उल्लेखनीय बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि एनईएसी के शुभारंभ से करदाताओं और कर अधिकारियों का एक-दूसरे से आमना-सामना नहीं होगा।
आयकर विभाग के एनईएसी की स्थापना प्रधानमंत्री के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन और ‘कारोबार में और ज्यादा सुगमता’ सुनिश्चित करने के मद्देनजर करदाताओं को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने और करदाताओं की शिकायतों में कमी लाने के बड़े लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रथम चरण में आयकर विभाग ने ‘फेसलेस ई-निर्धारण योजना 2019’ के तहत जांच के लिए 58,322 मामलों की पहचान की है और निर्धारण वर्ष 2018-19 के मामलों के लिए 30 सितम्बर, 2019 से पहले ई-नोटिस भेज दिए गए हैं।
करदाताओं को अपने-अपने पंजीकृत ई-फाइलिंग खातों/ईमेल आईडी को चेक करने की सलाह दी गई है और इसके साथ ही उनसे 15 दिनों के अंदर जवाब देने का अनुरोध किया गया है। विभाग को उम्मीद है कि करदाताओं के लिए अनुपालन आसान हो जाने से संबंधित मामलों का निपटारा अत्यंत तेजी से किया जा सकेगा।
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पारले कंपनी ने वापस लाया अपना पुराना प्रोडक्ट; 100 करोड़ की बिक्री की उम्मीद - Isha Waykool Published on: 03.10.2019
पारले कंपनी ने वापस लाया अपना पुराना प्रोडक्ट; 100 करोड़ की बिक्री की उम्मीद
नई दिल्ली: हालही में पारले बहुत ही चर्चा में था, जब उसने ऐलान किया था की 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है अगर खपत में सुस्ती बनी रही तो। अब पारले वापस से मार्केट में तेजी से वापसी करने की कोशिश कर रहा है। वर्ष 2006 में बंद हुई रोल-ए-कोला कैंडी एक बार फिर बाजार में आ गई है। इसे पारले कंपनी ने लांच किया है। बिस्किट और कन्फेक्शनरी बनाने वाली पारले कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को इस कैंडी से अगले एक साल में 100 करोड़ रुपए की बिक्री की उम्मीद है तथा कुल कारोबार में इसकी10 फीसदी भागीदारी रहने की संभावना है।
गौरतलब है कि पारले की इस रोल-ए-कोला कैंडी की बिक्री साल 2006 में ही बंद कर दी गई थी और अब इसे 13 साल बाद फिर शुरू किया जा रहा है। कंपनी ने अपने इस उत्पाद में सोशल मीडिया पर ग्राहकों की बढ़ी रुचि को देखते हुए पुनः लांच किया है।
पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ विपणन प्रमुख कृष्णा राव ने बताया है कि हम सोशल मीडिया पर कैंडी की बढ़ी मांग को देखते हुए हमने इसे फिर से बाजार में उतारा है औऱ हमें आने वाले दिनों में करीब 200 टन रोल-ए-कोला की बिक्री हो सकती है।
दरअसल, पारले कंपनी ने रोल-ए-कोला कैंडी को भारत में बंद कर दिया था, लेकिन उसने अफ्रिका और पश्चिम एशिया में उसकी बिक्री को जारी रखा था। राव ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान इस ब्रांड से तकरीबन 50 से 60 करोड़ रुपये की बिक्री होने की उम्मीद है।
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सरकार को सितंबर में GST से 91916 करोड़ रुपए मिले
सितम्बर, 2019 में सकल जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) राजस्व संग्रह 91,916 करोड़ रुपये का हुआ जिसमें सीजीएसटी 16,630 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 22,598 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 45,069 करोड़ रुपये (आयात पर संग्रहीत 22,097 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 7,620 करोड़ रुपये (आयात पर संग्रहीत 728 करोड़ रुपये सहित) हैं। अगस्त माह के लिए 30 सितम्बर, 2019 तक दाखिल किए गए जीएसटीआर 3बी रिटर्न की कुल संख्या 75.94 लाख है।
सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी के लिए 21,131 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 15,121 करोड़ रुपये का निपटान किया है। सितम्बर, 2019 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 37,761 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 37,719 करोड़ रुपये है।सितम्बर, 2018 के मुकाबले सितम्बर, 2019 के दौरान राजस्व में 2.67 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2018 की तुलना में अप्रैल-सितम्बर 2019 के दौरान घरेलू घटक में 7.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आयात पर जीएसटी में ऋणात्मक वृद्धि हुई है और कुल संग्रह में 4.90 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
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35 करोड़ रुपए जीएसटी की चोरी, एक गिरफ्तार
चेन्नई: जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने 35 करोड़ की जीएसटी चोरी के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। खबरों के मुताबिक इस व्यक्ति ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर 36 शेल कंपनियां बनाई थी और दूसरे लोगों के KYC के कागजातों से जीएसटी रजिस्ट्रेशन किया था। यह किसी भी वास्तविक रसीद या माल की आपूर्ति के बिना 250 करोड़ रुपये के कर चालान को प्राप्त करने और जारी करने के लिए किया गया था। और इन फर्जी बिलाें के जरिए 35 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया।
इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है । व्यक्ति की गिरफ्तारी साक्ष्यों और सबूतों की विस्तृत जांच और खोज करने के बाद की गई। व्यक्ति को 27 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और 9 अक्टूबर तक उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले की आगे की जांच अभी जारी है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रालयों को समय पर पेमेंट जारी करने का दिया निर्देश - Isha Waykool Published on: 27.09.2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रालयों को समय पर पेमेंट जारी करने का दिया निर्देश
सरकार में व्यय, विशेषकर पूंजीगत खर्च की स्थिति का आकलन करने के उद्देश्य से केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में उन चुनिंदा मंत्रालयों के पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) की स्थिति की समीक्षा की, जिनका परिव्यय भारी-भरकम है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय सहित कुछ मंत्रालयों को बजट से अनुदान सहायता प्राप्त होती है, लेकिन खर्च का बड़ा हिस्सा आईआईटी और एम्स जैसी पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में लग जाता है। इस बैठक में सभी प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों ने हिस्सा लिया।
आर्थिक विकास की गति तेज करने की चुनौती से निपटने के लिए सरकार हितधारकों के साथ व्यापक चर्चाएं करती रही है। यही नहीं, सरकार ने आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। पूंजीगत खर्च की स्थिति की समीक्षा करने के साथ-साथ ठेकेदारों, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) से जुड़े बकायों और एमएसएमई के बकायों की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए व्यय सचिव के साथ कई बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। आज की बैठक भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सभी मंत्रालयों को पूँजीगत व्यय बढ़ाने तथा छोटे उद्योगों का बकाया भुगतान जल्द चुकाने का निदेर्श दिया।
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अगले महीने 11 दिन बंद रहेंगे बैंक; निपटा लें अपना जरुरी काम
अक्टूबर का महीना त्योहारों से भरा हुआ है और साथ ही इस महीने बैंक में काफी ज्यादा छुट्टियां रहेंगी। बैंक में कारोबार करने में असुविधा से बचने के लिए आपको पहले से प्लानिंग की जरुरत है। अक्टूबर महीने में छुट्टियों के वजह से करीब 11 दिन बैंकों में कामकाज नहीं होगा। इसलिए जितना जल्दी हो सके पैसे से जुड़े सारे कामकाज निपटा लें, ताकि बाद में आपको दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसके अलावा त्योहारों पर खर्च के लिए भी पहले से पैसा तैयार रखें।
2 अक्टूबर (बुधवार) को गांधी जयंती के कारण बैंकों की छुट्टी होगी, यह इस महीने की पहली छुट्टी होगी। इसके बाद 6, 7 और 8 अक्टूबर को लगातार तीन दिन बैंकों में कोई काम नहीं होगा। 6 अक्टूबर को रविवार है और 7 और 8 अक्टूबर को रामनवमी और दशहरे के कारण बैंक बंद रहेंगे।
इसके बाद 12 अक्टूबर को महीने का दूसरा शनिवार और 13 अक्टूबर को रविवार है जिसके वजह से बैंक बंद रहेगा। अगला रविवार का अवकाश 20 अक्टूबर को पड़ रहा है।
दिवाली के समय बैंकों में चार दिन की छुट्टी रहेगी। इसमें 26 अक्टूबर को चौथा शनिवार और 27 को रविवार है और दिवाली भी यही दिन को पड़ रही है। 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और 29 अक्टूबर को भैया दूज के कारन बैंक बंद रहेंगे।
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क्या बंद होने वाले हैं देश के 9 बैंक? RBI ने किया खुलासा
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब महाराष्ट्र सहकारी बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई के फैसले के कारण, सभी बैंक लेनदेन बंद हो गए हैं। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर 9 सरकारी बैंकों के बंद होने की बातों को लेकर खूब चर्चा हो रही है। लेकिन अब आरबीआई ने कहा है कि, 9 सरकारी बैंक बंद होने की खबर केवल अफवाहें हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि, देश में कोई भी वाणिज्यिक बैंक बंद नहीं होगा। RBI ने कहा कि, उपभोक्ताओं को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बैंक खातों में उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।
सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हुई हैं कि, कॉर्पोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और यूनाइटेड बैंक बंद हो जाएंगे। वित्त सचिव राजीव कुमार ने ट्विटर पर कहा कि, यह खबर झूठी है। उन्होंने कहा कि, सरकारी बैंकों को धन उपलब्ध कराकर सुधार किए जाएंगे। इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों के विलय की घोषणा की थी। सरकार के निर्णय के कारण 27 मौजूदा बैंकों में से 12 बैंक बने रहेंगे।
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अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के ग्लोबल सीईओ और सीनियर एक्जीक्यूटिव के साथ प्रधानमंत्री की बैठक - Isha Waykool Published on: 26.09.2019
अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के ग्लोबल सीईओ और सीनियर एक्जीक्यूटिव के साथ प्रधानमंत्री की बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क में 20 क्षेत्रों से संबंद्ध उद्योगों के वैश्विक प्रमुखों के साथ एक विशेष गोलमेज चर्चा की अध्यक्षता की। इस चर्चा में शामिल होने वाली कंपनियों की कुल सामूहिक संपत्ति 16.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें से भारत में इनकी कुल संपत्ति 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
इस आयोजन में आईबीएम की अध्यक्ष एवं सीईओ सुश्री गिन्नी रोमेटी, वालमॉर्ट के अध्यक्ष एवं सीईओ डगलस मैकमिलन, कोका कोला के चेयरमैन एवं सीईओ श्री जेम्स क्विनसी, लॉकहीड मॉर्टिन की सीईओ सुश्री मॉर्लिन ह्यूसन, जेपी मोर्गन के चेयरमैन एवं सीईओ श्री जेमी डिमोन, अमेरिकन टॉवर कार्पोरेशन के सीईओ एवं भारत-अमेरिका सीईओ मंच के उपाध्यक्ष श्री जेम्स डी. टेसलेट और एप्पल, गूगल, वीसा, मास्टरकार्ड, 3एम, वारबर्ग पिनकस, एईसीओएम, रेथियोन, बैंक ऑफ अमेरिका, पेप्सी जैसी कंपनियों के सीनियर एक्जीक्यूटिव भी शामिल हुए।
डीपीआईआईटी और इनवेस्ट इंडिया द्वारा आयोजित इस विचार-विमर्श में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रतिभागियों ने कारोबारी सुगमता और कई अन्य सुधारों की दिशा में भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, इनके कारण निवेशकों के अनुकूल माहौल बना है। व्यापार जगत के दिग्गजों ने कारोबारी सुगमता पर ध्यान देने और भारत को ज्यादा निवेशक-अनुकूल बनाने की खातिर मजबूत निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की। उद्योग जगत के प्रमुखों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उनकी कंपनियां भारत की विकास गाथा के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसके लिए भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाती रहेंगी।
इन सीईओ ने भारत में अपनी विशिष्ट योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी भी दी और कौशल विकास, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, समावेशी विकास, हरित ऊर्जा और वित्तीय समावेश की दिशा भारत के प्रयासों में मदद देने के लिए अपनी सिफारिशें भी सामने रखीं।
सीईओ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने निरंतर राजनीतिक स्थिरता, नीतियों के पूर्वानुमान और विकास एवं उन्नति परक नीतियों पर जोर दिया। उन्होंने पर्यटन, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन और किसानों एवं कृषि के लिए अधिक अवसर पैदा करने वाले एमएसएमई व्यवसाय को बढ़ाने की पहल के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कंपनियों से न केवल भारत, बल्कि दुनिया के लिए समाधान खोजने को अन्य देशों के साथ साझेदारी में स्टार्टअप इंडिया नवाचार प्लेटफार्मों का लाभ उठाने का आग्रह किया। इसमें पोषण और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे चुनौतीपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
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जैविक कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने पर जोर
नई दिल्ली: कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) जैविक कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ाने की रणनीति तैयार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि वे जैविक खाद्य पदार्थों के निर्यात के लिए राज्य-केंद्रित योजना तैयार करने का काम कर रहे हैं। इसमें निर्यातकों का किसानों से सीधा संबंध हो जाएगा। साथ ही वे निर्यात किये जाने वाले देशों के विशिष्ट मानदंडों के अनुरुप फसल उगा सकेंगे।
विभिन्न देशों के विशिष्ट मानदंडों के कारण भारत के बासमती चावल के निर्यात पर असर हुआ है। यूरोजोन और अमेरिका, सउदी अरब, ईरान, जॉर्डन और लेबनान जैसे देशों में सख्त मानदंडों के कारण भारतीय बासमती चावल पहुंच नहीं सका है। इसलिए आयातक देशों के मानदंडों को पूरा करने के लिए किसानों को शिक्षित करना और उन्हें उचित दिशानिर्देश देना अत्यंत आवश्यक है। इसके अमल से किसानों और निर्यातकों दोनों को फायदा होगा।
भारत से जैविक कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, APEDA प्रमाणन देने वाली मान्यता प्राप्त लैबोरेटरीज की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है। फिलहाल भारत में जैविक प्रमाणीकरण देने वाली 30 लैबोरेटरीज हैं।
भारत सालाना लगभग 4.5 लाख टन जैविक उत्पादों का निर्यात अमेरिका, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, न्यूजीलैंड, जापान और यूरोपीय संघ जैसे देशों को करता है। देश में तिलहन, गन्ना, अनाज, बाजरा, कपास, दालें, औषधीय पौधे, चाय, फल, मसाले, ड्राई फ्रूट्स, सब्जियां और कॉफी जैसे जैविक उत्पाद भी यहां उगाए जाते हैं।
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इस बैंक से एक बार में बस 1 हजार रुपये निकाल सकेंगे खाता धारक, RBI के आदेश पर हंगामा - Published on: 24.09.2019
इस बैंक से एक बार में बस 1 हजार रुपये निकाल सकेंगे खाता धारक, RBI के आदेश पर हंगामा
मुंबई: अगर आप पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक लिमिटेड के खाताधारक है तो आप पर बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध का असर पड़ेगा। आपको बता दे, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC bank) पर छह महीनों का प्रतिबंध लगाया है। जिसके चलते ग्राहक सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या किसी भी अन्य जमा खाते से सिर्फ एक हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनियमितता बरतने के आरोप में RBI ने मुंबई स्थित बैंक पर छह महीने का प्रतिबंध लगाया है। लेकिन RBI ने साफ तौर पर कहा है कि PMC बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं होगा।
RBI की ओर से जारी अधिकारिक नोटीफिकेशन में कहा गया है कि बैंक बैंकिंग रेग्युलेशन की धारा 35A के सब सेक्शन 1 के तहत बैंक पर नए लोन जारी करने और बिजनेस को लेकर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बैंक के सभी लेनदेन पर नजर रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जमाकर्ता अपने खाते से 1,000 हजार से अधिक पैसे नहीं निकाल सकता है, इसको लेकर बैंक की ओर से मैसेज ग्राहकों को भेजा गया है। जिसके बाद से ही बैंक के बाहर लोगो का हंगामा शुरू हो गया है।
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178 साल पुरानी कंपनी थॉमस कुक हुई दिवालिया; 22 हजार नौकरियां गईं
लंदन: ब्रिटिश ट्रैवल ग्रुप थॉमस कुक ने सोमवार को अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया। 178 साल पुराने थॉमस कुक को बचाने के लिए 200 मिलियन पौंड (250 मिलियन डॉलर, 270 मिलियन यूरो) की सख्त जरुरत थी और इस ऑपरेटर ने कंपनी को बचाने के लिए निजी निवेशकों का सहारा लेना चाहा था, मगर वह सफल नहीं हो सका।
थॉमस कुक ने एक बयान में कहा कि काफी प्रयासों के बावजूद कंपनी के हितधारकों और प्रस्तावित नए निवेशकों के बीच समझौता नहीं हुआ है। इसलिए कंपनी के बोर्ड ने यह फैसला किया है कि उन्हें इस कंपनी को तुरंत प्रभाव से अनिवार्य परिसमापन (लिक्विडेशन) में चले जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
सरकार ने कहा कि उसने डेढ़ लाख से अधिक पर्यटकों के लिए यूके आने के लिए हवाई जहाजों को किराए पर लिया था। इन पर्यटकों को लाने का काम सोमवार से शुरु होना था।
एक अलग बयान में यह भी कहा गया कि थॉमस कुक के पतन और उसकी सभी उड़ानों के रद्द होने के बाद परिवहन सचिव ग्रांट शाप्स ने घोषणा की है कि सरकार और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने ग्राहकों को मुफ्त में उड़ान भरने के लिए दर्जनों चार्टर प्लेन किराए पर लिये हैं। वर्तमान में विदेश में थॉमस कुक के साथ सभी ग्राहक जो अगले दो हफ्तों में यूके लौटने के लिए बुक हैं, उन्हें घर वापस लाया जाएगा।
थॉमस कुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फन्कोहॉसर ने इसे दुखद दिन कहा। उन्होंने कहा कि यह मेरे और बाकी बोर्ड के लिए गहरे अफसोस की बात है कि हम फंड जुटाने में सफल नहीं हो सके।
एक ग्रुप स्टेटमेंट उन्होंने कहा कि यह हमारी कंपनी के लिए एक दुखद दिन है। हम पैकेज वाले पर्यटकों के लिए हमेशा आगे रहे और हमने दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए ट्रैवल संभव बनाया है।
दो साल पहले, मोनार्क एयरलाइंस के पतन ने ब्रिटिश सरकार को 110,000 फंसे हुए यात्रियों को वापस लाने के लिए आपातकालीन कार्रवाई करनी पड़ी थी और विमानों को किराए पर लेने के लिए तकरीबन 60 मिलियन पौंड भरना पड़ा था। थॉमस कुक के इस दिवालियापन से उसकी ट्रैवल एजेंसियों को मजबूरन काम बंद करना पड़ा है। साथ ही इसके पूरे विश्व में फैले 22000 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इसमें 9000 ब्रिटेन के निवासी हैं।
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कॉर्पोरेट टैक्स में कमी से 1000 बड़ी कंपनियां बचा सकेंगी 37000 करोड़
मुंबई। क्रिसिल का कहना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी किये जाने से देश की 1000 बड़ी कंपनियां लगभग 37,000 करोड़ रुपये की टैक्स बचत कर सकती हैं।
कंज्यूमर से जुड़े सेगमेंट को 30 प्रतिशत से अधिक का लाभ मिलेगा। आईटी और फार्मा जैसे निर्यात से जुड़े सेगमेंट को केवल 5-6 प्रतिशत ही संभावित बचत का लाभ होगा क्योंकि वे पहले ही कम टैक्स दरों का फायदा उठा रहे हैं।
क्रिसिल रिसर्च का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कई उपायों की शुरुआत की गई है। केंद्रीय वित्तमंत्री की शुक्रवार की घोषणा हालांकि काफी महत्वपूर्ण है। इससे वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत के राजस्व और एबिटडा (Ebidta) में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। बचत भी अधिक हो सकती है। सब-सेगमेंट में लाभ भी भिन्न भिन्न होंगे। उदाहरण के लिए खपत सेगमेंट को देखें तो ऑटोमोबाइल निर्माताओं को, जो उनकी कुल वॉल्यूम का 50 प्रतिशत है, यह बताता है कि कम टैक्स दरों के कारण उन्हें केवल सीमित लाभ ही मिलेंगे। लेकिन ऑटो कंपोनेंट निर्माता, जो अधिक प्रभावी टैक्स दरों को वहन करते हैं, को ज्यादा लाभ मिलेगा। यह 70 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है। इन कंपनियों का बाजार हिस्सा 20 प्रतिशत है।
क्रिसिल के रिपोर्ट में कहा गया है कि हमे खपत से जुड़े लोगों से बातचीत से पता चला है कि इन कंपनियों द्वारा डिस्काउंट और सामरिक मूल्य को शिफ्ट करने से लाभ अच्छा हो सकता है।
घरेलू कंपनियां जो 1 अक्टूबर, 2019 को या उसके बाद स्थापित होंगी और जो मैन्युफैक्चरिंग में नया निवेश लाएंगी, को केवल 15 प्रतिशत की दर से आयकर देने का विकल्प किया गया है। यह लाभ उन कंपनियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2023 को या उससे पहले उत्पादन शुरू करेंगी। तब उन्हें सरचार्ज और सेस सहित 17.01 प्रतिशत टैक्स देने होंगे।
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अगर वैश्विक तनाव नहीं भड़के तो तेल की कीमतें कम हो सकती है: धर्मेंद्र प्रधान - Published on: 23.09.2019
अगर वैश्विक तनाव नहीं भड़के तो तेल की कीमतें कम हो सकती है: धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली: तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों को राहत मिलेगी अगर भू-राजनीतिक तनावों में और वृद्धि नहीं होती है।
पिछले सप्ताह के अंत में सऊदी अरब के तेल क्षेत्रों पर हमले के बाद तेल की कीमतों में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जब पिछले सप्ताह के अंत में वैश्विक तेल आपूर्ति में 5 प्रतिशत की कमी आई थी।
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में प्रधान ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत पहले ही कुछ डॉलर प्रति बैरल कम हो गई है।
वैश्विक स्तर पर तेल की बढ़ती कीमतें भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, जो लगभग 84 प्रतिशत तेल की जरूरत के लिए आयात पर निर्भर रहता है।
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टैक्स में कटौती करने से भारतीय कंपनियों को मिल सकता है यूएस-चीन ट्रेड वॉर का फायदा - Published on: 21.09.2019
टैक्स में कटौती करने से भारतीय कंपनियों को मिल सकता है यूएस-चीन ट्रेड वॉर का फायदा
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से न केवल नए निवेश को बल मिलेगा बल्कि भारतीय कंपनियों को यूएस-चीन ट्रेड वॉर से उत्पन्न अवसरों का फायदा भी मिलेगा।
यूएस-चीन ट्रेड वॉर के कारण एशिया में ग्लोबल सप्लाई चेन काफी मजबूत हुई है। ऐसे में फेवरेबल टैक्स रेट खासकर बड़े नए प्रोजेक्टों के लिए यहां रास्ता खुलेगा और कंपनियां चीन जाने की बजाय भारत में अपने प्रोजेक्ट खड़ा कर सकेंगी।
इंडस्ट्री एसोसिएशनों जैसे की एमसीसीआई ने कहा कि भारत को प्रतिस्पर्धा मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे पड़ोसी देशों से अधिक है, क्योंकि वे भी समान अवसर प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
इंडस्ट्री के लोग, जो खासकर ऑटो कांपोनेंट और इंजीनियरिंग सेक्टर से हैं, को भारत से आपूर्ति की संभावना तलाशने में लगे हैं। लेकिन उनकी राय में सबसे बड़ी बाधा थाईलैंड या वियतनाम जैसे देशों की तुलना में हमारे यहां उच्च कॉर्पोरेट टैक्स रेट थी। हमें डर था कि कहीं हम इन देशों के सामने अवसर से न चुक जाएं।
एमसीसीआई के प्रेसिडेंट रामकुमार राममूर्ति ने कहा कि भारत कौशल उपलब्धता और श्रम लागत की तुलना में दूसरों के बनिस्पत काफी अच्छा है। लेकिन नए निवेश को यहां आकर्षित करने के लिए टैक्स टैरिफ बड़ा अवरोध था। इस संदर्भ में वित्त मंत्री ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोई भी नई घरेलू कंपनी, जो 1 अक्टूबर, 2019 को या उसके बाद बनाई जाती है और मैन्युफैक्चरिंग में नया निवेश लाती है, को 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि यह लाभ उन कंपनियों के लिए उपलब्ध है जो किसी भी छूट / प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाती हैं और 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले अपने उत्पादन का काम शुरू करती हैं। इन कंपनियों के लिए प्रभावी टैक्स रेट अधिभार और उपकर को मिलाकर 17.01 प्रतिशत होगी। इसके अलावा, ऐसी कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
वित्त मंत्री के कदम का जोरदार स्वागत करते हुए राममूर्ति ने कहा कि भारत में नए निवेशों पर कॉर्पोरेट टैक्स को कम करने की एमसीसीआई की सिफारिशों को वित्त मंत्री ने मान लिया गया है। हमें वर्तमान वैश्विक व्यापारिक स्थिति का फायदा लेना चाहिए और यूस-चीन के बीच उत्पन्न ट्रेड वॉर के मद्देनजर नए निवेश आमंत्रित करने से चुकना नहीं चाहिए और उनके लिए सारी सुविधाएं सरल बनानी चाहिए। अवसर का फायदा अवश्य उठाएं।
श्री राममूर्ति ने कहा कि मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे पड़ोसी देशों में 19 से 24 प्रतिशत के बीच कॉर्पोरेट टैक्स है। हमने नए निवेश औऱ कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को कम करके 20 प्रतिशत किया है, जिससे कि पड़ोसी देशों में अपने संयंत्रों को स्थानांतरित करने वाली कंपनियां भारत में अपने प्लांट लगा सकें। इसलिए यह एक अच्छा और सामयिक कदम है। इससे न केवल पूंजी निर्माण में मदद मिलेगा बल्कि रोजगार और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस बीच, एक प्रमुख इंडस्ट्री एसोसिएशन के एमएसएमई पैनल के एक वरिष्ठ सदस्य ने हाल ही में कहा कि अमेरिकी कंपनियों ने पहले ही भारत में अवसरों को तलाशना शुरु कर दिया है और जल्द ही यहां मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नए अवसरों को भुनाने के लिए कुछेक प्रतिनिधिमंडल दौरा भी कर सकते हैं।
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दिवाली से पहले घरेलू कंपनियों को निर्मला सीतारमण ने दिया तोहफा, कॉर्पोरेट टैक्स घटा - Published on: 20.09.2019
दिवाली से पहले घरेलू कंपनियों को निर्मला सीतारमण ने दिया तोहफा, कॉर्पोरेट टैक्स घटा
नई दिल्ली: दिवाली कगार पर है, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने त्यौहार से पहले ही घरेलू कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स घटाकर एक अच्छा तोहफा दिया है।
रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दिया। कैपिटल गैन पर सरचार्ज भी खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा कोई और टैक्स नहीं लगेगा। पहले यह दर 30 फीसदी थी। आपको बता दे, आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही कई कंपनियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
कंपनियों को बिना छूट के 22 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा। सरचार्ज के साथ टैक्स की प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ” टैक्स में रियायतें मेक इन इंडिया में निवेश लाएंगी, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी, और अधिक राजस्व प्राप्त होगा।”
गोवा में होने वाले GST काउंसिल की बैठक के पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह एलान किया।
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फेडरल रिजर्व ने की ब्याज दर में कटौती
बाजार में नकदी की समस्या को कम करने के उद्देश्य से, यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) ने बुधवार को दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई है। फेड फंड्स रेट का दायरा घटकर 1.75-2 फीसदी हो गया है।
इस साल के जुलाई 30 के बाद से यह दूसरी बार कटौती की गयी है। ऐसी अटकले लगायी जा रही है की आने वाले समय में भी और कटौती हो सकती है।
ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इसकी आलोचना की गयी। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “केंद्रीय बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के पास ना तो गट्स हैं, ना सेंस है और ना ही कोई विजन है।”
ब्याज दरों में कटौती के फैसले से गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित दिखा।
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GST पोर्टल पर नकली दस्तावेज इस्तेमाल करने के आरोप में व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज - Published on: 18.09.2019
GST पोर्टल पर नकली दस्तावेज इस्तेमाल करने के आरोप में व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज
नवी मुंबई: सीबीडी पुलिस ने एक व्यापारी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है, जिसने GST पोर्टल पर जाली दस्तावेज अपलोड किए थे और अपनी नकली ट्रेडिंग फर्म के लिए GST पहचान संख्या (GSTIN) प्राप्त की थी। जिसके बाद आरोपी अजीत कांबले पर IPC की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिसंबर 2018 में, कांबले ने अपनी फर्म डेलमन ट्रेडिंग कंपनी के लिए GST पहचान संख्या के लिए पनवेल के एक फ्लैट मालिक के बिजली बिल और पैन कॉपी के साथ अपनी फोटो अपलोड करके पंजीकरण कराया था। आरोपी ने NOC पर फ्लैट मालिक के जाली हस्ताक्षर करते हुए दावा किया कि यह उनकी फर्म का कार्यालय का पता था और संपत्ति का मालिक उनका बहनोई है।
राज्य GST आयुक्त ने GSTIN के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने वाले संदिग्ध व्यापारियों को वेरीफाई करने के निर्देश दिया थे। कांबले की ट्रेडिंग फर्म भी ऐसी ही एक संदिग्ध लिस्ट में थी। जिसके बाद पुलिस, कार्यालय के पते पर पहुंची और दो किरायेदारों को वहां पाया लेकिन कोई वहा कार्यालय नहीं था। जिसके बाद कांबले की जलसाजी का भंडाफोड़ हुआ।
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जनवरी 2020 से ई-इनवॉइस से बदल दिए जाएंगे GST इनवॉइस
नई दिल्ली: पुरे देश में बिक्री और खरीद के सभी इनवॉइस जनवरी 2020 से सरकार द्वारा निर्धारित ई-इनवॉइस से बदल दिए जाएंगे। माल और सेवा कर (GST) परिषद ई-इनवॉइस जारी करने के लिए नए फॉर्मेट और प्रणाली पर विचार-विमर्श करेगी।
आपको बता दे, जीएसटी ई-इनवॉइस का एक स्टैंडर्ड टेम्पलेट होगा और साथ ही साथ हर ई-इनवॉइस में एक यूनिक इनवॉइस रिफरेंस नंबर(IRN) होगा। इसके अलावा, सरकार नामित रजिस्ट्रार एक करदाता के अनुरोध पर ई-इनवॉइस जारी करेगी जो विक्रेता या खरीदार है। इनवॉइस अनुरोधों को करदाता द्वारा वेब, एपीआई, एसएमएस, मोबाइल ऐप या ऑफ़लाइन टूल के माध्यम से रजिस्ट्रार को भेजा जा सकता है। यह रजिस्ट्रार द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होगा और इसमें एक क्यूआर कोड भी होगा।
अगली GST परिषद की बैठक 20 सितंबर को गोवा में होनी है, जहा इसके बारें में विस्तार से जानकारी दी जायेगी।
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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आ सकती है भारी उछाल
नई दिल्ली: सऊदी अरब की अरामको तेल रिफाइनरी पर हमले के बाद भारत में ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। अरामको तेल रिफाइनरी दुनिया में सबसे बड़ी तेल प्रसंस्करण सुविधा में से एक है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ के अनुसार भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 5-6 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती हैं।
भारत अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत आयात करता है, और सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
आपको बता दे, ड्रोन हमले के चलते अरामको के संयंत्रों में लगी आग से सऊदी अरब में रोज का तेल उत्पादन आधा रह गया है। हालांकि अरामको ने कहा है कि भारत को होने वाली आपूर्ति पर इसका असर नहीं पड़ेगा
इस मुद्दे पर बोलते हुए, तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ट्वीट किया, “हमने सितंबर में तेल कंपनियों के कच्चे तेल आयात की समीक्षा की है। हमें विश्वास है कि भारत के लिए आपूर्ति बाधित नहीं होगी। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 19 फीसदी महंगा होकर 72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
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समय से पहले निपटा लें अपना काम क्यूंकि चार दिन बंद रहेंगे बैंक
नई दिल्ली: बैंक में कारोबार करने में असुविधा से बचने के लिए ग्राहकों को पहले से सावधान रहने की जरूरत है। क्यूंकि इस महीने लगातार 4 दिन बैंक बंद रहेंगे, इसलिए बैंक का काम समय से पहले निपटा लें।
हड़ताल और छुट्टियों के मद्देनजर, देश भर के कई बैंक 26 सितंबर से 29 सितंबर तक बंद रहेंगे। चार बैंकिंग संघ – ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO) – ने 10 बैंकों के विलय के फैसले के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है।
इन बैंकिंग यूनियनों ने विलय के विरोध में 26 सितंबर और 27 सितंबर के बीच दो दिवसीय हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। 28 सितंबर महीने का आखिरी शनिवार होगा और 29 सितंबर रविवार है, इसलिए लगातार चार दिन बैंक बंद रहने की संभावना बनी हुई है।
जाहिर तौर पर इसका सबसे ज्यादा खामियाजा आम लोगों को ही उठाना पड़ेगा। खासकर ऐसे लोगों को जो आर्थिक लेनदेन के लिए बैंकों पर ही निर्भर रहते हैं।
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सरकार ने निर्यातकों को दिया 50,000 करोड़ का बूस्टर डोज
नई दिल्ली: देश मंदी से गुजर रहा है, इसलिए अर्थव्यवस्ता को ठीक करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। अर्थव्यवस्ता को बेहतर करने के मकसद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़ी घोषणा की। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने निर्यातकों को नए इंसेंटिव के तहत 50,000 करोड़ रुपए के पैकेज देने का ऐलान किया। मंत्री ने एक ब्रीफिंग में कहा की नई योजना से सभी उत्पादों को लाभ होगा।
उन्होंने ने बताया कि निर्यात के लिए नई स्कीम लॉन्च की गई है। 1 जनवरी 2020 से मर्चन्डाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडियन स्कीम यानी एमईआईएस (MEIS) की जगह नई स्कीम आरओडीटीईपी (RoDTEP) को लॉन्च किया गया है। नई स्कीम से सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। वहीं निर्यात में ई-रिफंड जल्द लागू होगा। बता दें कि MEIS के तहत सरकार प्रॉडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है।
सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब एक साल पहले की तुलना में अगस्त में भारत का माल निर्यात 6.05 प्रतिशत घटकर 26.13 अरब डॉलर रहा।
ब्रीफिंग में कहा गया है की निर्यात के समय को कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सभी क्लियरेंस के लिए मैनुअल सर्विसेज को खत्म करके ऑटौमैटिक सिस्टम लागू किया जाएगा।
भारत में मंदी ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, और ऑटो उद्योग इससे सबसे अधिक प्रभावित है।
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GST चोरी के खिलाफ देश में सबसे बड़ी छापेमारी; 1200 अफसरों ने ली एक साथ 336 जगह तलाशी - Published on: 13.09.2019
GST चोरी के खिलाफ देश में सबसे बड़ी छापेमारी; 1200 अफसरों ने ली एक साथ 336 जगह तलाशी
नई दिल्ली: जीएसटी (GST) चोरी के खिलाफ सरकार काफी सख्त हो चुकी है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने आईजीएसटी का फ्रॉड रिफंड का दावा करने वाले निर्यातकों के खिलाफ 336 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की दो प्रमुख खुफिया एजेंसियों द्वारा यह अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त अभियान था।
इस ऑपरेशन में दोनों एजेंसियों के लगभग 1,200 अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई राजधानी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कई शहरों में एक साथ की गई।
अधिकारियों के मुताबिक, दिनभर चले अभियान से यह तथ्य सामने आया है कि देशभर में फैली कई इकाइयां या तो अस्तित्व में ही नहीं हैं या उन्होंने फर्जी पता दे रखा है। अभी तक की जांच के दौरान 3500 करोड़ रुपये के फर्जी बिलिंग के दस्तावेज मिले हैं। इनके आधार पर 470 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया था, फिलहाल विभाग ने 450 करोड़ रुपये के इसी से जुड़े क्लैम रोक दिया है।
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खुदरा महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21 फीसदी हुई
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने कल अगस्त, 2019 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर 2.18 फीसदी (अनंतिम) रही, जो अगस्त 2018 में 3.41 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर अगस्त, 2019 में 4.49 फीसदी (अनंतिम) आंकी गयी, जो अगस्त 2018 में 3.99 फीसदी थी। ये दरें जुलाई 2019 में क्रमशः 2.19 तथा 4.22 फीसदी (अंतिम) थीं।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आज अगस्त, 2019 के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े भी जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर 0.85 फीसदी (अनंतिम) रही जो अगस्त 2018 में 1.14 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर अगस्त, 2019 में 7.07 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई जो अगस्त, 2018 में -1.21 फीसदी थी। ये दरें जुलाई 2019 में क्रमशः 0.57 तथा 5.61 फीसदी (अंतिम) थीं।
अगर शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर अगस्त, 2019 में 3.21 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई है, जो अगस्त 2018 में 3.69 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीपीआई पर आधारित महंगाई दर जुलाई 2019 में 3.15 फीसदी (अंतिम) थी। इसी तरह यदि शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें तो उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर अगस्त, 2019 में 2.99 फीसदी (अनंतिम) रही है, जो अगस्त, 2018 में 0.29 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीएफपीआई पर आधारित महंगाई दर जुलाई 2019 में 2.36 फीसदी (अंतिम) थी।
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करदाताओं को राहत, 25 लाख तक टीडीएस जमा न कराना अब आपराधिक मामला नहीं
नई दिल्ली: देश में टैक्स भरने वालो के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि 25 लाख रुपये तक टीडीएस(TDS) पर टैक्स कटौती को जमा कराने में अगर 60 दिन तक की देरी होगी तो सामान्य परिस्थितियों में दंडित किए जाने की प्रक्रिया नहीं होगी। CBDT के इस फैसले से करदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
विभाग ने कहा है कि यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा और उन सभी मामलों पर लागू होगा जहां शिकायत दर्ज की जानी है। सरकार द्वारा यह एक अच्छा कदम है क्योंकि इससे करदाताओं को लाभ होगा।
सर्कुलर में कहा गया है कि बार-बार चूक करने के अपवाद वाले मामलों में दो मुख्य आयुक्तों के कॉलेजियम या आयकर विभाग के महानिदेशक की मंजूरी से अभियोजन चलाया जा सकता है। ऐसे मामलों में आयकर कानून की धारा 276B के तहत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ऐसे मामले, जिनमें जानबूझकर टैक्स चोरी की राशि या कम आय दिखाने पर टैक्स 25 लाख रुपए या उससे कम बनता है तो उनमें अभियोजन की कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसमें आयकर कानून की धारा 276C एक के तहत कार्रवाई होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ट्वीट किया था: “मैंने राजस्व सचिव को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय करें कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए और जो लोग मामूली या प्रक्रियात्मक उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ असम्मानजनक या अत्यधिक कार्रवाई नहीं की जाए।”
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40 लाख छोटे कारोबारियों को मिल सकता है GST से छुटकारा
नई दिल्ली: 20 सितम्बर को होने वाली GST काउंसिल की बैठक में एक अहम फैसला लिया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, छोटे कारोबारियों को सालाना गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) रिटर्न भरने से छुटकारा मिल सकता है। सरकार 2017-18 के सालाना रिटर्न भरने से राहत देने पर विचार कर रही है। खबरों के मुताबिक GST काउंसिल कुछ दिन बाद होने वाली अपनी बैठक में पांच करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वालों को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए GSTR-9, GSTR-9A और GSTR-9C भरने से मुक्त कर सकती है।
आकड़ो की बात की जाए तो, 30 से 40 लाख कारोबारियों/ट्रेडर्स को इस फैसले से राहत मिलने की उम्मीद है। बेहद कम फाइलिंग के चलते सीबीआईसी ने हाल में GSTR-9, GSTR-9A और GSTR-9C की आखिरी तारीख 30 नवंबर तक बढ़ा दी थी।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार छोटे कारोबारियों को पहले साल के सालाना रिटर्न से मुक्त करने का मन बना चुकी है, जिसका ऐलान काउंसिल की बैठक में हो सकता है।
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त्योहारी सीजन से पहले SBI ने ग्राहकों को दिया बड़ा तोहफा
नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहकों को लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है, जिससे ग्राहकों को त्योहारी सीजन से पहले एक बड़ी राहत मिली है। SBI ने सोमवार सुबह घोषणा की कि उसने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेडिंग रेट (MCLR) को कम कर दिया है। MCLR में 0.10 फीसदी कटौती का ऐलान किया गया है, जो पहले MCLR 8.25 फीसदी थी।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, बैंक ने कहा कि वह 10 सितंबर से MCLR को 10 आधार अंकों (बीपीएस) से कम कर देगा (1 आधार अंक = 0.01%)। इस दर में कटौती के कारण एक साल की MCLR 8.25 प्रतिशत से घटकर 8.15 प्रतिशत हो जाएगी।
आपको बता दे, वित्त वर्ष 2019-20 में SBI का MCLR में यह लगातार पांचवीं कटौती है। MCLR के रेट कम होने से होम लोन की ब्याज दरें भी कम हो जाएंगी।
इसके बाद आप अगर होम, ऑटो और पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको इसका फायदा मिलेगा। वहीं, आप अगर बैंक के मौजूदा ग्राहक हैं तो भी आपको घटी दरों का फायदा मिलेगा।
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उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ कनेक्शन का टारगेट समय से पहले पूरा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सेन्द्रा के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के अंतर्गत 8 करोड़वां कनेक्शन सौंपेंगे।
देश में गरीब परिवारों को आठ करोड़ निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में 1 मई 2016 कोलाभार्थी को पहला कनेक्शन सौंपकर पीएमयूवाई का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना और अस्वास्थ्यकर पारम्परिक खाना पकाने के ईंधन जैसे लकड़ी, उपले इत्यादि के उपयोग को कम करना है। एलपीजी के उपयोग से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पर्यावरण तथा महिलाओं की आर्थिक उत्पादकता संबंधी लाभ हुए हैं।
तीन सरकारीतेल विपणन कंपनियों जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में योजना को कार्यान्वियत किया है और तय समयसीमा (मार्च 2020) से सात महीने पहले ही आठ करोड़ कनेक्शन देनेका लक्ष्य हासिल कर लिया है।
उत्तर प्रदेश (1.46 करोड़), पश्चिम बंगाल (88 लाख), बिहार (85 लाख), मध्य प्रदेश (71 लाख) और राजस्थान (63 लाख) राज्य पीएमयूवाई के अंतर्गत सबसे अधिक लाभार्थियों की सूची में शीर्ष पर हैं। लगभग 40 प्रतिशत लाभार्थी एससी/एसटी श्रेणी के हैं। पीएमयूवाई के कार्यान्वयन सेदेश और दुनिया के अऩ्य देशों से सराहना मिली है।
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सरकार पेट्रोल-डीजल के वाहनों पर नहीं लगाएगी प्रतिबंध
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल वाहनों पर मोदी सरकार प्रतिबंध नहीं लगाएगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार का पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के वार्षिक सम्मेलन, 2019 में एक सभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, “चर्चा हुई और मंत्रालय को सुझाव मिला कि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि सरकार पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का इरादा नहीं रखती है। हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं,”।
ऑटो सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है और इसी बीच पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की खबरें आयीं थी। दरअसल, नीति आयोग ने प्रस्ताव दिया था कि तिपहिया वाहनों को 2023 और 150सीसी से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहनों को 2025 तक सड़कों से हटा कर उनकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन लाए जाएं। लेकिन नीति आयोग के इस कदम की ऑटोमोबाइल जगत में काफी आलोचना हुई थी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर की खराब हालत पर बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर ठीक करने पर विचार कर रही है और वित्त मंत्रालय भी इसका समधान निकालने पर विचार कर रहा है।
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1 अक्टूबर से लोन हो जाएगा सस्ता…
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कस्टमरों को एक बड़ी राहत दी है। RBI ने सभी बैंकों को सख्त कहा है कि जैसे ही रेपो रेट कम किये जायेंगे वैसे ही सभी बैंकों को भी कर्जदारों के ब्याज दरों को कम करना होगा। RBI ने सभी बैंकों को सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि पर्सनल लोन, होम लोन, रिटेल लोन और MSME सेक्टर को सभी नए लोन अब एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़े जाएंगे। इससे लोन लेने वालों को ब्याज दरों में कटौती का लाभ मिलेगा।
बैंकों को कहा गया है कि वे RBI के रीपो रेट, 3 महीने या 6 महीने के ट्रेजरी बिल यील्ड्स या फाइनैंशल बेंचमार्क्स इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले किसी बेंचमार्क रेट में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।
RBI ने सभी बैंकों को एक सर्कुलर जारी करते हुए अनिवार्य कर दिया है कि वे 1 अक्टूबर 2019 से रिटेल, होम,पर्सनल, MSME सेक्टर को दिए जाने वाले नए लोन को फ्लोटिंग ब्याज दर को एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ दें।
हमेशा से ऐसी शिकायतें मिलती रही है की रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती के बावजूद उसका पूरा लाभ बैंक उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे हैं।
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आईडीबीआई बैंक को 9,300 करोड़ का बेलआउट पैकेज
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज सरकार द्वारा आईडीबीआई बैंक में 4,557 करोड़ रुपये की पूंजी प्रदान करने की मंजूरी दे दी है। इससे आईडीबीआई बैंक के कारोबार की प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलेगी और यह मुनाफा कमाने तथा सामान्य रूप से ऋण देने में समर्थ हो जाएगा और सरकार के पास सही समय पर अपने निवेश की वसूली करने का विकल्प उपलब्ध होगा।
आईडीबीआई बैंक को अपने बही-खाते से निपटने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एकबारगी पूंजी निवेश की जरूरत है। इसने जून 2018 के 18.8 प्रतिशत एनपीए को जून 2019 में 8 प्रतिशत तक घटाने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इसके शेयरधारकों से इसके लिए पूंजी प्राप्त की जाएगी। एलआईसी 51 प्रतिशत के स्तर पर है और इसे बीमा नियामक द्वारा उच्चतर स्तर तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई है। आवश्यक 9,300 करोड़ रुपये में से, एलआईसी 51 प्रतिशत धनराशि (4,743 करोड़ रुपये) देगा। शेष 49 प्रतिशत धनराशि (4,557 करोड़ रुपये) एकबारगी आधार पर अपने शेयर के रूप में सरकार की ओर से दिए जाने का प्रस्ताव है।
इस निवेश के बाद, आशा है कि आईडीबीआई बैंक अपने दम पर और अधिक पूंजी जुटाने में काफी सक्षम हो जाएगा और अगले वर्ष भारतीय रिजर्व बैंक के प्रोम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) कार्यक्रम से भी मुक्त हो सकेगा। यह कैश न्यूट्रल पूंजी प्रवाह रिकैप बॉन्डों यानी सरकार द्वारा बैंक में पूंजी प्रवाह और उसी दिन सरकार से बैंक द्वारा रिकैप बॉन्ड की खरीद के माध्यम से किया जाएगा। इससे तरलता अथवा मौजूदा वर्ष के बजट पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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देश में 10 बैंकों को मिलाकर बनेंगे 4 बड़े बैंक
देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है जिसके लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। केन्द्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 10 बैंकों के मर्जर की घोषणा की है। शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब इन्हें मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे।
सीतारमण ने शुक्रवार को पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के मर्जर की घोषणा की। इस मर्जर के बाद पंजाब नेशनल बैंक, देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा।
मीडिया से बातचीत करते हुए सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ने पर काम कर रही है। अन्य मर्जर केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के बीच होगा। साथ ही, यूनियन बैंक को आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक में मिला दिया जाएगा। इंडियन बैंक का मर्जर इलाहाबाद बैंक में किया जाएगा।
हालही में सरकार ने मंदी के खबरों के बिच बहुत सारे घोसणा का ऐलान किया था, जिससे देश की आर्थिक स्तिथि में सुधार हो सके। मंदी के बिच ऑटो सेक्टर में बहुत सारे लोगो को नौकरियों से हाथ दोना पड़ा था।
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मंदी का असर जारी: अब मारुति सुजुकी में गए 3,000 जॉब्स
नई दिल्ली: भारत में मंदी ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, और ऑटो उद्योग इससे सबसे अधिक प्रभावित है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अस्थायी कर्मचारियों पर मंदी की गाज पड़ी है क्यूंकि कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया गया है।
मांग में भारी गिरावट और इन्वेंट्री को देखते हुए ऑटो उद्योग के लिए कुछ साल काफी कठिन रहा है। भारत की आर्थिक वृद्धि में मंदी के कारण पहले से ही ऑटो उद्योग में लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि कंपनी ने 3,000 अस्थायी कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया है, क्योंकि उद्योग बढ़ती कम मांग और इन्वेंट्री से जूझ रहा हैं।
सिर्फ ऑटो सेक्टर ही नहीं, अन्य भी मंदी की चपेट में आ गए। आपको बता दे, हालही में भारत की सबसे बड़ी बिस्किट बनाने वाली कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा था की 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है अगर खपत में सुस्ती बनी रही तो। कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा था की, ‘हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।’
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GST के नाम पर इस तरह की ठगी आपके साथ भी हो सकती है, सावधानी बरतें
दिल्ली: फ्रॉड कॉल से ठगी के मामले दिनोदिन बढ़ते ही जा रहे है, इसलिए अब आपको सावधान रहने की जरुरत है। हालही में एक ऐसी घटना उजागर हुई है जहा आपराधियो ने एक व्यापारी को GST के नाम से लाखो की ठगी की है।
दिल्ली के एक व्यापारी को फिलीपींस की यात्रा के दौरान पता चला कि उसके बैंक खाते से लगभग 7.8 लाख रुपये निकाले गए हैं। जब पीड़ित दिल्ली पहुंचा तो उसने अपने बैंक से संपर्क किया। और इसे यह मालूम पड़ा की किसी ने उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बदल दिया है जो बैंक खाते से भी जुड़ा था। इसके बाद, उन्होंने तुरंत प्रीत विहार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। प्रीत विहार पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अपने बयान में, व्यापारी ने कहा कि उन्हें 3 जुलाई को किसी का कॉल आया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह अपने बैंक के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव हैं। फोन करने वाले ने उसे बताया था कि उसकी कंपनी का GST नंबर बैंक रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किया गया है और आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई। पीड़ित ने झांसे में आकर सभी आवश्यक ’दस्तावेजों को मेल कर दिया।
18 जुलाई को जब वह फिलीपींस में थे, पीड़ित ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया और उन्हें पता चला कि उनके ज्ञान के बिना उनके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं। अपराधियों ने कथित तौर पर पीड़ित के कंपनी के नकली लेटरहेड पर एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था ताकि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बदल दिया जा सके।
इस तरह के ठगी की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है, इसलिए अब आपको सतर्क रहना होगा।
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Amazon ने हैदराबाद में खोला दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस
हैदराबाद: देश में मंदी के खबरों के बीच, अमेजन ने हैदराबाद में दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कैंपस खोला है। मंदी की खबरों पर जवाब देते हुए कंपनी ने कहा कि उसने देश में कोई मंदी महसूस नहीं की है। अमेजन इंडिया के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट और कंट्री हेड अमित अग्रवाल का मानना है कि ई-कॉमर्स रिटेल इंडस्ट्री का एक छोटा हिस्सा है, और इसमें विकसित होने के लिए बहुत जगह है। अमेजन, जिसने 2004 में भारत में प्रवेश किया, अब ऑनलाइन दुनिया में एक बड़ा खिलाड़ी है।
पहले अमेजन बेंगलुरु में कार्यालय स्थापित करने वाला था, लेकिन तेलंगाना राज्य के गठन के बाद, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कंपनी को बेंगलुरु के बदले हैदराबाद का चयन करने के लिए राजी कर लिया।
बिल्डिंग 10 एकड़ के परिसर में बनाया गया है। 30 मार्च 2016 को इसकी आधारशिला रखी गई थी, जिससे तीन साल के अंदर बनाया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, यह संभव करने के लिए 39 महीनों तक हर दिन लगभग 2,000 मजदूर साइट पर काम कर रहे थे।
इस इमारत में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर, प्रोडक्ट मैनेजर, फाइनेंस और कई दूसरे कामों से जुड़े कर्मचारी कार्य करेंगे। नए कैंपस में 300 से ज्यादा पेड़ लगे हैं। बिल्डिंग में 290 सम्मेलन कक्ष, कैसुअल और सहयोगी कार्यक्षेत्र हैं, जिसमें 15,000 कर्मचारी समा सकते है। उसके आलावा इसमें प्रार्थना कक्ष, शांत कमरे, शावर, यूनिसेक्स टॉयलेट और एक विशाल कैफेटेरिया के साथ बिल्डिंग की छत पर एक हेलीपैड भी है।
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कार और घर होंगे सस्ते: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
देश में मंदी के खबर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जहा उन्होंने कहा की जल्द ही घर और कार की ईएमआई सस्ती होगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) हर तिमाही में रेपो दर (केंद्रीय बैंक उपभोक्ता बैंकों को पैसा उधार देता है) में कटौती कर रहा था लेकिन बैंक इसे उधारकर्ताओं को नहीं दे रहे थे। लेकिन बैंक अब इस लाभ को देने के लिए सहमत हो गए हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि RBI ने चर्चा की कि इसका उद्देश्य आवास और ऑटो दर पर ब्याज दर को कम करना है।
मंत्री ने नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) द्वारा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता सहायता की भी घोषणा की, जिससे कुल समर्थन बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर है और भारत में मंदी जैसी कोई बात नहीं है।
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ITC खरीद सकता है कैफे कॉफी डे में हिस्सेदारी
मुंबई : कैफे कॉफी डे (CCD) आर्थिक तंगी से गुजर रहा है क्योंकि कंपनी भारी कर्ज से त्रस्त है। लेकिन अब CCD के लिए एक उम्मीद की किरण दिखी है। खबरों के मुताबिक, इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (ITC) कर्ज में डूबी कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकती है।
रिपोर्टों के अनुसार, ITC भारत में सिगरेट पर निर्भरता को कम करने के लिए कम कर रहा है, और इस उद्देश्य से यह CCD में निवेश कर सकता है।
इससे पहले CCD ने कहा था कि उसका कुल कर्ज 4970 करोड़ रुपये है। सिर्फ ITC ही नहीं, यहां तक कि कोका-कोला भी CCD में निवेश खरीदने के लिए कतार में है।
पिछले महीने के अंत में कंपनी पर भारी कर्ज के बाद कंपनी के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी। यदि या तो ITC या कोका-कोला हिस्सेदारी खरीदता है, तो यह CCD को वित्तीय संकट से बाहर आने में मदद करेगा।
दुनिया भर में, CCD के लगभग 1,750 आउटलेट हैं। और तुलनात्मक रूप से, भारत में, कंपनी के स्टारबक्स की तुलना में दस गुना अधिक आउटलेट हैं।
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बिस्कुट इंडस्ट्री में मंदी: पारले कंपनी में जा सकती है 10,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी - Published on: 21.08.2019
बिस्कुट इंडस्ट्री में मंदी: पारले कंपनी में जा सकती है 10,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी
मुंबई : भारत की सबसे बड़ी बिस्किट बनाने वाली कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है अगर अगर खपत में सुस्ती बनी रही तो।
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से ऑटोमोबाइल से लेकर रिटेल प्रोडक्ट तक हर चीज की मांग कम हो गई है, जिसके चलते कंपनियां उत्पादन और भर्ती पर को कम करने के लिए मजबूर हैं। साथ ही साथ यह उम्मीद कर रही है की भारत सरकार विकास को स्थायी करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दे।
कंपनी के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा की, ‘हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।’
पारले, जो पारले-जी और बिस्कुट के मैरी ब्रांड के लिए लोकप्रिय है,
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क्या अब धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे डेबिट कार्ड?
मुंबई : अब डेबिट कार्ड का अंत भी करीब दिखता हुआ नज़र आ रहा है। भारतीय स्टेट बैंक के उठाये जाने वाले कदम से अब प्लास्टिक के डेबिट कार्ड जल्द ही अतीत की बात बन सकती है, क्यूंकि बैंक अब इसका इस्तेमाल खत्म कर सकता है। बैंक का मानना है कि डेबिट कार्ड हटाने से डिजिटल भुगतान को अधिक बढ़ावा मिलेगा।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा की, “यह हमारी इच्छा है कि डेबिट कार्ड को खत्म किया जाए, और मुझे यकीन है कि हम इसे खत्म कर सकते हैं।”
हालांकि, एसबीआई ग्राहक अपने लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड पर बहुत अधिक निर्भर हैं। कुमार ने यह भी कहा कि देश में 90 करोड़ डेबिट कार्ड हैं, जबकि केवल 3 करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं।
कुमार ने कहा कि डिजिटल समाधान पेश करने वाले उसके ‘योनो’ मंच (Yono App) की डेबिट कार्ड मुक्त देश बनाने में अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बैंक ने पहले ही 68,000 ‘योनो कैशपॉइंट्स’ स्थापित कर लिए हैं और अगले 18 महीनों में इसे बड़े पैमाने पर 1 मिलियन तक बढ़ाने की प्रक्रिया में है, जिससे कार्ड की आवश्यकता भी कम होगी।
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अडानी कृष्णापट्टनम पोर्ट में 5,500 करोड़ रुपये में खरीदेगी 70 प्रतिशत हिस्सेदारी - Published on: 19.08.2019
अडानी कृष्णापट्टनम पोर्ट में 5,500 करोड़ रुपये में खरीदेगी 70 प्रतिशत हिस्सेदारी
मुंबई : चीनी मंडी
गौतम अडानी कृष्णापटनम पोर्ट में 65-70 फीसदी हिस्सेदारी खरीदकर अपने बंदरगाहों के साम्राज्य का विस्तार करना चाहते हैं। इसको लेकर अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) 5,500 करोड़ से अधिक निवेश कर के कृष्णापटनम पोर्ट 70% हिस्सेदारी खरीद सकती है। जिससेे इसे देश के सबसे बड़े तटवर्ती क्षेत्र (एक बंदरगाह के लिए) का 12.5 किमी और 6,800 एकड़ का पारगमन भंडारण क्षेत्र में प्रवेश मिलेगा। इसका 2008 में परिचालन शुरू किया था।
इससे पहले APSEZ ने 2014 में धामरा बंदरगाह और 2016 में कट्टुपल्ली बंदरगाह खरीदा था। यह APSEZ द्वारा तीसरा अधिग्रहण है।
APSEZ ने 2025 तक कार्गो हैंडलिंग को दोगुना कर 400 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। अधिग्रहण के बाद, कंपनी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेगी।
नाम न छापने की शर्त पर इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने एक प्रमुख समाचार वेबसाइट से कहा, “बंदरगाह पर भारी कर्ज है, इसलिए लेन-देन मुख्या भाग बैंक के बकाया को निपटाने में जाएगा।”
हाल ही में, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने हवाई अड्डे के कारोबार में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की।
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अब पेट्रोल की भी होगी होम डिलीवरी…
नई दिल्ली: सरकारी तेल विपणन कंपनियां (OMCs) – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) – 20 और शहरों में डीजल की डोरस्टेप डिलीवरी का विस्तार करने और अगली तिमाही तक पेट्रोल की होम डिलीवरी शुरू करने की योजना बना रही है।
कंपनियों की योजना है कि इस वित्त वर्ष (FY20) के अंत तक कम से कम 500 डोरस्टेप फ्यूल डिलीवरी व्हीकल हों।
HPCL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एम के सुराणा ने पिछले सप्ताह मीडिया से बात करते हुए कहा था की, “ईंधन की डिलीवरी की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी मिल रही है और हम सुरक्षा और नियमन दोनों को ध्यान में रख के इसका विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा की हालांकि अभी कंपनियों के पास केवल डीजल के लिए मंजूरी है, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) को जल्द ही पेट्रोल के लिए मंजूरी देने की उम्मीद है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, डीजल की डोरस्टेप डिलीवरी वर्तमान में 35 शहरों में उपलब्ध है – IOC 15 में सेवा प्रदान कर रहा है, 13 में BPCL और सात में HPCL। ईंधन वितरण योजना मुख्य रूप से उन उपभोक्ताओं को लक्षित करती है जो थोक में खरीदते हैं। मानदंडों के अनुसार, 2,500 लीटर से अधिक ऑर्डर करने वाले ग्राहकों के पास PESO लाइसेंस होना चाहिए।
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GST काउंसिल की अगली बैठक 20 सितंबर को; सरकार कर सकती है कुछ बड़े ऐलान
नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की 37वीं बैठक 20 सितंबर को होगी। खबरों के मुताबिक यह बैठक गोवा में संपन्न होगी। इस बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते है। ऐसी अटकले लगायी जा रही है की इस बैठक में हेल्थकेयर सेक्टर को टैक्स में छूट देने पर फैसला हो सकता है।
वर्तमान चेयरपर्सन और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए यह पहली आउटस्टेशन मीटिंग होगी। पिछले चेयरपर्सन अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण गोवा की बैठक पिछले एक साल से लंबित थी। परिषद ने अब इस बार दिल्ली से बाहर मिलने का फैसला किया है।
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में प्राइवेट हेल्थकेयर सेक्टर को ITC का फायदा देने पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।
पिछले तीन महीनों में भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर मुसीबत में है और लगभग दो लाख नौकरियों में कटौती हुई है। ऑटो उद्योग को राहत देने के लिए जीएसटी में कमी जैसे तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की मांग की जारी है। GST परिषद बैठक को लेकर ऑटोमोबाइल उद्योग की भी नजर रहेगी।
GST काउंसिल की पिछली बैठक 27 जुलाई को दिल्ली में हुई थी। इस बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले टैक्स की दरों को कम किया गया था। इलेक्ट्रिक वाहनों को भारी बढ़ावा देने के उद्देश्य से टैक्स की दरों को मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर्स या चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया था।
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जरूरी काम के लिए तारीखों का रखें ध्यान: अगस्त-सितंबर में बैंक इस दिन रहेंगे बंद - Published on: 13.08.2019
जरूरी काम के लिए तारीखों का रखें ध्यान: अगस्त-सितंबर में बैंक इस दिन रहेंगे बंद
मुंबई: बैंक में कारोबार करने में असुविधा से बचने के लिए ग्राहकों को पहले से सावधान रहने की जरूरत है। अगले डेढ़ महीने में, बैंकों में रविवार के अलावा अन्य छुट्टियां हैं। अगस्त और सितंबर में, देश में बैंक 5 से 6 दिनों के लिए बंद रहेंगे।
कल 12 अगस्त को बकरी ईद के चलते, देश के सभी बैंकों को छुट्टी थी। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के कारण बैंकों को छुट्टी है। 24 अगस्त को जन्माष्टमी के कारण, बैंक में कामकाज बंद रहेगा। सितंबर के पहले सप्ताह में 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी, 10 सितंबर को मोहरम (ताजिया) और 11 सितंबर को ओणम त्योहार के चलते बैंक बंद रहेंगे।
मुंबई, नागपुर और अहमदाबाद में बैंक 17 अगस्त को पारसी न्यू ईयर के लिए बंद रहेंगे। असम में 20 अगस्त को श्री श्री माधव देव तिथि के कारण बैंक बंद रहेंगे। पंजाब और हरियाणा में गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, इस वजह से 31 अगस्त को यहां बैंक में छुट्टी होगी.
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इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑइल से बनेगा बायोडीजल
नई दिल्ली : चीनी मंडी
सरकारी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 10 अगस्त को देश भर के 100 शहरों में कुकिंग ऑइल से बने बायोडीजल की खरीद के लिए एक योजना की शुरुआत की। कार्यक्रम को औपचारिक रूप से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा शुरू किया गया था, जिसके तहत तीन ‘ओएमसी’ (OMC) उपयोग किए गए खाना पकाने के तेल से बायोडीजल बनाने के लिए संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी संस्थाओं को आमंत्रित करेंगे।
भारत में, 2,700 करोड़ लीटर खाना पकाने के तेल (UCO) का उपयोग किया जाता है, जिसमें से 140 करोड़ UCO को रूपांतरण के लिए होटल, रेस्तरां और कैंटीन जैसे थोक उपभोक्ता से एकत्र किया जा सकता है, जो हर साल लगभग 110 करोड़ लीटर बायोडीजल देगा।
बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर पर खरीदा जाएगा
प्रारंभ में, बायोडीजल को OMC द्वारा 51 रुपये प्रति लीटर की अनुमानित दर पर खरीदा जाएगा, जिसे दूसरे वर्ष में बढ़ाकर 52.7 रुपये और तीसरे वर्ष में 54.5 रुपये प्रति लीटर किया जाएगा। मंत्री ने रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑइल (RUCO) स्टीकर और यूज्ड कुकिंग ऑइल (UCO) के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया। इनसे यह सुनिश्चत किया जाएगा कि इस्तेमाल हो चुका तेल दोबारा इस्तेमाल ना आए।
2030 तक डीजल में 5 प्रतिशत बायोडीजल मिश्रण का लक्ष्य
इथेनॉल सम्मिश्रण के बारे में, उन्होंने कहा, “हम अधिशेष खाद्य स्टॉक से भी इथेनॉल बनाएंगे। वर्तमान में हम गन्ने के रस से इथेनॉल का उत्पादन करते हैं। लगभग चार-पाँच साल पहले, हमने पेट्रोल के साथ मिश्रित इथेनॉल को बढ़ाने का फैसला किया था। यह 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 7 से 8 प्रतिशत हो गया है। यह जल्द ही 10 प्रतिशत हो जाएगा। हमारा अंतिम लक्ष्य पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रीत करना है।”
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अब बैंक ऑफ चाइना खोलेगा भारत में ब्रांच…
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बैंक ऑफ चाइना को देश में नियमित बैंकिंग सेवाएं देने की अनुमति दी। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ चाइना को मंजूरी देते हुए इसे आरबीआई एक्ट, 1934 के दूसरे शेड्यूल में डाल दिया है। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे सभी वाणिज्यिक बैंक दूसरे शेड्यूल में हैं।
इस अनुसूची के अंतर्गत आने वाले बैंकों को RBI के मानदंडों का पालन करना होता है। एक अन्य अधिसूचना में आरबीआई ने कहा कि ‘जन स्माल फाइनेंस बैंक लि. को भी दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है।
आपको बता दे, बैंक ऑफ चाइना इससे पहले विवाद में रह चूका है। इजरायल को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठन हमास को फंडिंग करने के आरोप लगा था, जिसके बाद बैंक ने इसे नकार दिया था।
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि ‘नेशनल आस्ट्रेलिया बैंक को बैंकिंग नियमन कानून के तहत बैंक कंपनी की सूची से हटा दिया है। बैंक ऑफ चाइना के खुलने के साथ ही भारत में विदेशी बैंकों की संख्या 46 हो जाएगी।
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केरल आपदा सेस लगाने वाला बना पहला राज्य
तिरुवनंतपुरम: केरल की राज्य सरकार 1 अगस्त से वस्तुओं और सेवाओं पर 1% आपदा सेस लेगी। उपकर से प्राप्त आय का उपयोग बाढ़ के बाद की पुनर्निर्माण परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। जीएसटी परिषद ने सरकार को राज्य के पुनर्निर्माण के लिए संसाधन जुटाने के लिए राज्य के भीतर वस्तुओं और सेवाओं पर 1% उपकर लगाने की अनुमति दी थी।
इसके साथ ही केरल आपदा सेस लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इससे प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आने की उम्मीद है।
राज्य सरकार रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं, जिन पर 5 फीसदी जीएसटी है, पर सेस नहीं लगाएगी।
हालांकि इस कदम से कीमतों में बढ़ोतरी होगी, लेकिन चावल और खाद्य पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि वे जीएसटी के निचले स्तर पर हैं।
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CCD के मालिक सिद्धार्थ का शव नदी किनारे मिला
बेंगलुरु: 36 घंटे की गहन खोज के बाद, कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ का शव 31 जुलाई को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रवती नदी में मिला। भारत में कॉफी रेस्तरां के सबसे बड़े चेन ‘कैफे कॉफी डे’ के संस्थापक वी. जी. सिद्धार्थ कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु जाने के दौरान रास्ते से सोमवार रात से लापता थे.
दोस्तों और रिश्तेदारों ने पुष्टि की है कि शव सिद्धार्थ का है। शव को आगे की औपचारिकताओं के लिए वेनलॉक अस्पताल में रखा गया है।
गायब होने से पहले, सिद्धार्थ ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह गहरे कर्ज में डूबे है।
सिद्धार्थ भाजपा नेता एसएम कृष्णा के दामाद थे। इनके देहांत से राज्य में राजनेता गहरे सदमे में हैं और उनकी मृत्यु के बाद परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के सभी 1,750 आउटलेट्स अपने संस्थापक की याद में बंद रहेंगे।
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Cafe Coffee Day के मालिक लापता, तलाश जारी
देश के सबसे बड़े कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (CCD) के संस्थापक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ सोमवार रात से गायब हैं। खबरों के मुताबिक वे उल्लाल में एक पुल से कूद गए हैं।
ये पुल मैंगलुरु से 6 किलोमीटर दूर नेत्रावटी नदी पर बना है। मंगलुरु शहर की पुलिस ने भी उस पुल से छलांग लगाने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है।पुलिस इस मामले में बड़े पैमाने पर खोज कर रही है।
वे उल्लाल पुल पर पहुंचने के बाद वहां कार से नीचे उतर गए। सिद्धार्थ ने अपने ड्राइवर से कहा कि वह थोड़ा आगे बढ़े और रुक जाए। वह चलकर आएंगे लेकिन वह वापस नहीं लौटे। जिसके बाद ड्राइवर ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया।
ऐसा बताया जा रहा है की सिद्धार्थ ने कैफे कॉफी डे के कर्मचारियों और निदेशक मंडल को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि हर वित्तीय लेनदेन मेरी जिम्मेदारी है, कानून को मुझे और केवल मुझे जवाबदेह रखना चाहिए।
200 से अधिक पुलिसकर्मी और गोताखोर 25 नौकाओं के जरिए उनकी तलाश कर रहे हैं।
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कच्छ में हुआ अब तक 3,000 करोड़ रुपये का GST कलेक्शन
राजकोट: पिछले वर्षों की तुलना में, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) भुगतानकर्ताओं में वृद्धि हुई है। अकेले कच्छ में, अब तक कुल 3,000 करोड़ रुपये का GST एकत्र किया गया है। यह जानकारी सेंट्रल GST के ज्वाइंट कमिश्नर जाकिर हुसैन और सेंट्रल GST के असिस्टेंट कमिश्नर शशिकांत शर्मा ने साझा की।
हुसैन और शर्मा, फेडरेशन ऑफ़ कच्छ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन(Fokia), सेंट्रल जीएसटी और राज्य जीएसटी द्वारा संयुक्त रूप से गांधीधाम में आयोजित GST से सम्बंधित एक सेमिनार में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्य के GST के डिप्टी कमिश्नर भूपेंद्र श्रीमाली ने कहा, “जैसा कि हमारा विभाग कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है, हम करदाताओं से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे साथ सहयोग करें।”
प्रोग्राम में उपस्थित लोगों में ऑल इंडिया माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश दलाल और Fokia के निदेशक तलक्षी नंदू शामिल थे। 50 से अधिक उद्योगों के कुल 150 प्रतिनिधियों ने सेमिनार में भाग लिया।
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खुशखबर, सस्ते हुए इलेक्ट्रिक वाहन; सरकार ने GST 12 फीसदी से घटाकर की 5 फीसदी - Published on: 27.07.2019
खुशखबर, सस्ते हुए इलेक्ट्रिक वाहन; सरकार ने GST 12 फीसदी से घटाकर की 5 फीसदी
नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को भारी बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 जुलाई को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल ने टैक्स की दरों को मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। यह 1 अगस्त से लागू होगा।
काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर्स या चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, काउंसिल ने 31 अगस्त को जीएसटी फॉर्म भरने की आखिरी तारीख बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जीएसटी घटाने का प्रस्ताव रखा था। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता भी जीएसटी कम करने की मांग कर रहे थे। सरकार ने बजट में भी ऐलान किया था कि ई-वाहनों के लोन पर 1.5 लाख रुपए तक का ब्याज चुकाने पर आयकर में छूट का लाभ दिया जाएगा।
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जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक शनिवार को
नयी दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर की दरों में कमी का मुद्दा उठाया जाना था, गुरुवार को शनिवार के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, परिषद के अध्यक्ष, संसद के सत्र में व्यस्त थे। बैठक, जो एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जानी थी, में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक ही एजेंडा था।
एजेंडा में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जीएसटी दर में 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की कमी और उनके चार्जर्स के लिए 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक की कटौती शामिल है। इलेक्ट्रिक बसों को किराए पर लेने पर जीएसटी छूट पर भी चर्चा होनी थी। अगर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जीएसटी घटती है तो 10 लाख रुपए कीमत वाली इलेक्ट्रिक वाहन 70 हजार रुपए सस्ती हो जाएगी।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सीतारमण को हालिया पत्र में बैठक के लिए सिंगल एजेंडे के रूप में ईवी मुद्दे को रखने के “जल्दबाजी” की आलोचना की थी।
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254 स्टार्टअप्स को AFI से 1,700 करोड़ रुपये का निवेश मिला
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 24 जुलाई को लोकसभा को सूचित किया कि सेबी पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) से लगभग 254 स्टार्टअप्स को 1,700 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ “फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स” की स्थापना भी की है(FFS)।
गोयल ने कहा FFS के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, DPIIT) निगरानी एजेंसी और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) परिचालन एजेंसी है।
उन्होंने कहा “योजना की प्रगति और धन की उपलब्धता के आधार पर 10,000 करोड़ रुपये के कुल कोष को 14 वें और 15 वें वित्त आयोग के चक्र के आधार पर प्रदान किए जाने की परिकल्पना की गई है”।
10 जुलाई, 2019 तक SIDBI ने 47 AIFs को 3123.20 करोड़ रुपये समर्पित किए हैं। मंत्री ने कहा कि इन फंडों ने 25,728 करोड़ रुपये का कोष जुटाया है
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सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई, अब यह होगी आखिरी तारीख - Published on: 24.07.2019
सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई, अब यह होगी आखिरी तारीख
मोदी सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई, 2019 को बढ़ाकर 31 अगस्त 2019 कर दिया है। तारीख आगे बढ़ने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर इसकी सूचना दी।
1 महीने का समय मिल जाने से लोगों को अपना ITR भरने में एक महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है। नियमों के अनुसार अगर आप अपना ITR 31 अगस्त के बाद फाइल करेंगे तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
कई चार्टर्ड अकाउंटेंट / टैक्स प्रैक्टिशनर सोसाइटीज ने सरकार से ITR फाइलिंग की समय सीमा को बढ़ाने के लिए अपील की थी जिससे लोगो को सही तरीके से ITR फाइल करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
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मोदी सरकार का 1.3 करोड़ नए करदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य
मोदी सरकार करदाताओं का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। आपको बता दे, सरकार ने पिछले वर्ष की 1.1 करोड़ की तुलना में, वित्त वर्ष 2020 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 1.3 करोड़ की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है।
असेसमेंट ईयर 2018-19 के आंकड़ों के मुताबिक देश में 8.44 करोड़ टैक्सपेयर्स हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने इनकम रिटर्न फाइल नहीं की थी, लेकिन जिनका टीडीएस वित्त वर्ष 2017-18 (असेसमेंट ईयर 2018-19 के संदर्भ में) में कटा था।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 30 जुलाई, 2019 को 46,13,91,168 स्थायी खाता संख्या (पैन) आवंटित किए गए हैं।
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7500 रुपए से ज्यादा देते हैं फ्लैट मेंटेनेंस तो लगेगा 18 प्रतिशत GST
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक सर्कुलर जारी करके सूचना दी है जिसमे कहा गया है की अगर आप फ्लैट के रखरखाव यानी मेंटनेंस के रुप में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) में प्रतिमाह 7500 रुपए से ज्यादा शुल्क दे रहे हैं, तो आप पर टैक्स की देनदारी बनेगी। वित्त मंत्रालय ने साफ किया है उन लोगो को 18 फीसदी जीएसटी भी देना होगा।
आपको बता दे अगर चार्ज 7,500 रुपये से अधिक है तो पूरी राशि पर टैक्स की देनदारी बनेगी। उदहारण के तौर पर अगर आप प्रति माह 10000 मेंटिनेंस चार्ज दे रहे है तो 18 फीसदी जीएसटी 10000 रुपये पर लगेगी, ना ही 2500 पर (10000 -Rs 7,500)।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यदि मासिक मेंटेनेंस शुल्क 7,500 रुपये से अधिक नहीं होगा तभी फ्लैट मालिक को GST से छूट दी जाएगी।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब बिजली के बिल और लाइफ स्टाइल पर रखेगी नजर
पटियाला: अगर आप ज्यादा बिजली का बिल भरते है और अच्छी लाइफ स्टाइल जीते है तो अब हो जाए सावधान। आपको बता दे, अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लोगों की लाइफ स्टाइल पर नजर रखेगा। उन्हें आदेश दिया गया है की, साल भर में 1 लाख से अधिक बिजली का बिल और विदेश यात्रा करने वालों पर नजर रखें। जिसके बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सक्रिय हुई है और उन सब पर अस्सेस्मेंट करना शुरू कर दिया है। जांच पड़ताल के लिए बिजली विभाग की मदद ली जा रही है, डिपार्टमेंट ने उनसे 1 लाख से अधिक बिजली का बिल जमा करने वालों का डाटा मांगा है। और विदेश यात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वे ट्रेवल एजेंट की सहायता ले रहे है। जैसे ही जानकारी प्राप्त होती है, उसे क्रॉस चेक किया जाएगा। पटियाला डिवीजन में 3 लाख तीन करदाता इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक पटियाला डिवीजन में 3 लाख तीन करदाता हैं, जिनमे से पिछले साल 2 लाख 14 हजार 120 लोगों ने रिटर्न फाइल किया था और विभाग ने 370 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया था। इस बार विभाग को 430 करोड़ रुपए जमा करने का लक्ष्य मिला है।
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आईईए ने मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना की तारीफ
मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने की मोदी सरकार की उज्जवला योजना को दुनिया भर में प्रशंसा मिल रही है। हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने भारत सरकार के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पर्यावरण और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में एक “प्रमुख उपलब्धि” है।
IEA के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल ने कहा, ”वर्ष 2020 तक देशभर में एलपीजी उपलब्ध कराना बड़ी उपलब्धि है। यह ऊर्जा का मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक आर्थिक मुद्दा है, सामाजिक मुद्दा है।”
सरकार का 2020 तक आठ करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य है और अब तक इस तरह के 7.4 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं। सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में एलपीजी कनेक्शन में बढ़ोतरी देखी गई।
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एक व्यक्ति ने 90 फर्जी कंपनी बनाकर किया 660 कराेड़ का GST फ्रॉड
नई दिल्ली: डीजीजीएसटी इंटेलीजेंस टीम ने हरियाणा में अब तक के सबसे बड़े GST फ्रॉड करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। GST अधिकारीयों ने १८ जुलाई को एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने माल की आपूर्ति के बिना फर्जी चालान जारी करने के उद्देश्य से लगभग 90 फर्जी फर्मों का निर्माण किया था।
जांच के मुताबिक सिंगला ने प्रदेश में 7672 कराेड़ रुपए के फर्जी इनवाॅइस यानी बिल जारी करके 660 कराेड़ रुपए का जीएसटी का फ्रॉड किया है। और इन फर्जी बिलाें के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया। आरोपी की पहचान हरियाणा के सिरसा के रहने वाले अनुपम सिंगला के रूप में हुई है। सिंगला काे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
उनके दिल्ली स्थित आवास और कार्यालयों में की गई तलाशी के दौरान, अलग-अलग व्यक्तियों के 110 डेबिट और क्रेडिट कार्ड , खाली हस्ताक्षरित चेक बुक, 173 अलग-अलग बैंक खातों से संबंधित ब्लैंक चेक बुक, अलग-अलग व्यक्तियों के पहचान प्रमाण, मोबाइल सिम कार्ड, और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
इस मामले की गंभीर से जांच की जा रही है। जीएसटी चोरी करने वालो के खिलाफ सरकार सख्त हुई है और ठोस कदम उठा रही है।
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मायावती के भाई पर आयकर विभाग का शिकंजा
बसपा सुप्रीमो मायावती और एक झटका लगा है क्यूंकि उनके भाई का नाम बेनामी संपत्ति से जुड़े मामले में आया है। आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि उसने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के भाई तथा उनकी पत्नी की नोएडा में 400 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क कर दी है। बेनामी संपत्ति वे हैं जिनमें वास्तविक लाभार्थी वह नहीं है जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई का मायावती परराजनीतिक प्रभाव पड़ सकता हैं। उन्होंने हाल ही में अपने भाई को बीएसपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। पिछले सप्ताह सीबीआई ने चीनी मिल मामले में राज्य में कई पूर्व और वर्तमान आईएएस अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। साथ ही साथ चीनी मिल मामले में मायवती का नाम भी आया है।
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पेट्रोल, डीजल वाहनों पर नहीं लगेगा प्रतिबंध
ऑटोमोबाइल उद्योग इस डर में था कि सरकार पेट्रोल, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती है, जिससे उन्हें भारी नुकसान होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया कि फिलहाल सरकार उन पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी।
कल आयोजित लोकसभा सत्र में उन्होंने कहा, “ऑटोमोबाइल उद्योग को जल्द से जल्द ईंधन के स्वच्छ स्रोतों में परिवर्तन करना चाहिए।”
गडकरी ने जोर देकर कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग ने भारत के निर्यात और रोजगार में योगदान दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्विच जल्द से जल्द होना चाहिए और (निर्माताओं को) इलेक्ट्रिक, बायोफ्यूल पर जाना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग, जिसकी कीमत 2.45 लाख करोड़ रुपये है, को ईंधन के क्लीनर स्रोतों को अपनाना चाहिए क्योंकि प्रदूषण देश के लिए एक दबाव का मुद्दा बना हुआ है।
हाल ही में, टीवीएस मोटर कंपनी ने भारत की पहली इथेनॉल मोटरसाइकिल लॉन्च की, जो इथनॉल की मांग को बढ़ाएगी। केंद्र सरकार का 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य है।
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GST से मालामाल हुई मोदी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का जीएसटी संग्रह बढ़कर 5.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो 2017-18 में 2.91 लाख करोड़ रुपये था।
सीतारमण ने बताया कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान राज्यों को जीएसटी से हुए नुकसान के लिए 81,177 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में राज्यों को महज 48,178 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।
जून में चालू वित्त वर्ष में पहली बार जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे गिर गया (99,939 करोड़ रुपये)। मार्च में अप्रत्यक्ष कर राजस्व 1,06,577 करोड़ रुपये, अप्रैल में 1,13,865 करोड़ रुपये और मई में 1,00,289 करोड़ रुपये था। जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था और 17 स्थानीय करों का इसमें विलय कर दिया गया था। मोदी सरकार की दूसरी पारी में जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई थी।
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RBI नोटों को पहचानने के लिए लाएगा एप
नई दिल्ली: करेंसी नोटों की पहचान करने में नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जल्द ही एक मोबाइल एप्लीकेशन लेकर आएगा।
वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंकनोट चलन में हैं।
RBI ने ऐप विकसित करने के लिए टेक कंपनियों को आमंत्रित किया है। RBI ने कहा, “प्रस्तावित मोबाइल ऐप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों के मूल्य को मोबाइल कैमरे के सामने रखे गए नोटों की छवि को कैप्चर करने में सक्षम होगा।”
रिपोर्टों के अनुसार, भारत में लगभग 80 लाख नेत्रहीन लोग इससे लाभान्वित होने की संभावना रखते हैं।
नवबंर 2016 में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में नए आकार और डिजाइन के नोट मौजूद हैं।
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GST चोरी मामले में जांच का सामना कर रहे व्यापारी ने की आत्महत्या - Nandita Pai Published on: 13.07.2019
GST चोरी मामले में जांच का सामना कर रहे व्यापारी ने की आत्महत्या
इंदौर: जीएसटी चोरी के रैकेट के सिलसिले में इंदौर के 45 वर्षीय टैक्स सलाहकार और अनाज व्यापारी, ने कथित तौर गुरुवार को अपने आवास पर आत्महत्या कर ली। वे जीएसटी चोरी के मामले में जांच के दायरे थे।
पुलिस के अनुसार, “गोविंद अग्रवाल ने एक आवासीय इमारत की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।” परिजन उन्हें अस्पताल में ले गए, लेकिन डॉक्टर ने आने पर मृत घोषित कर दिया।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि एक झूठे जीएसटी मामले में फंसाने की धमकी देकर दो चार्टर्ड एकाउंटेंट ने उनसे मोटी रकम की मांग कर रहे थे। मृतक के बेटे ने बताया कि पिछले सप्ताह जीएसटी अधिकारियों ने उसकी फर्म और घर पर छापा मारा था, जिसके बाद से वह उदास थे। मृतक के भाई का दावा है कि इंदौर के दो चार्टर्ड एकाउंटेंट ने गोविंद को फंसाने के लिए जीएसटी टीम को गलत जानकारी दी। “उन्होंने आठ दिन पहले गोविंद से पैसे की मांग की थी। जब उसने पैसे देने से इनकार किया तो उन्होंने उसे गलत मामले में फंसाने की चेतावनी दी,”।
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मार्केट में आएगी भारत की पहली इथेनॉल मोटरसाइकिल
ऐसे समय में जब सरकार चीनी के अधिशेष को कम करने के लिए इथेनॉल के उत्पादन पर जोर दे रही है, भारत की पहली इथेनॉल मोटरसाइकिल मार्केट में आने को तैयार है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, TVS मोटर कंपनी भारत की पहली इथेनॉल मोटरसाइकिल लॉन्च करेगी। यह अपाचे 200 का इथेनॉल संस्करण हो सकता है। इसके पहले चरण में इसे भारत में अग्रणी गन्ना उत्पादक राज्यों में लॉन्च किया जाएगा। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक भारत में प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं।
इथेनॉल मोटरसाइकिल बनाने में सहायता प्राप्त करने के लिए कंपनी चीनी मिलों के साथ भी गठजोड़ कर सकती है।
केंद्र सरकार का 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य है।
हाल ही में, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त, श्री शेखर गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को राज्य में गन्ने के रस से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने और सरकार से समर्थन के अनुरोध का प्रस्ताव पेश किया था।
महाराष्ट्र में चीनी मिलें कम चीनी कीमतों, अधिशेष स्टॉक और गन्ना बकाया के मुद्दों का सामना कर रही हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि इथेनॉल का उत्पादन चीनी मिलों को वित्तीय स्थिति में सुधार करने और गन्ना बकाया को दूर करने में मदद करेगा।
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फर्जी GST चालान : सरकार ने दर्ज किये लगभग 1,800 मामले
नई दिल्ली: चीनी मंडी
सरकार ने तीन वर्षों में जाली जीएसटी चालान के तहत हो रही 11,500 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता लगाया है। केंद्र सरकार ने 2017-18 के बाद से नकली जीएसटी चालान जारी करने के लिए लगभग 1,800 मामले दर्ज किए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जब अधिकारियों ने 1,220 मामले दर्ज किये जिसमें लगभग 9,500 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया कि, जीएसटी के तहत उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के लिए तीन साल में फर्जी जीएसटी चालान जारी करने के 1,796 मामले दर्ज किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 के पिछले 9 महीनों में, केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड ने 14.15 करोड़ रुपये की राशि वाले नकली जीएसटी चालान जारी करने के लिए केवल 8 मामले दर्ज किए। कम संख्या में मामलों को लचर प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था क्योंकि कर अधिकारियों को कर प्रणाली को स्थिर करने में रुचि थी जिसे स्वतंत्रता के बाद देश की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का सबसे बड़ा ओवरहाल माना जाता है। हालांकि, अगले साल से, सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया और उसने 9,470 करोड़ रुपये की राशि वाले नकली जीएसटी चालान जारी करने के लिए 1,220 मामले दर्ज किए।
इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में, सरकार ने पहले ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए नकली जीएसटी चालान जारी करने के लिए 568 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 2,034 करोड़ की राशि शामिल है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा को सूचित किया कि पिछले तीन वर्षों में, सरकार ने कर रियायतों का दावा करने के लिए नकली जीएसटी चालान जारी करने के लिए कुल 1,796 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में शामिल कुल राशि 11,518.55 करोड़ रुपये है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था 2,750 अरब डॉलर की हुई
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लड़खड़ाने के बावजूद अर्थव्यवस्था 2015-16 में 1,990 अरब डॉलर से बढ़कर 2018-19 में 2,750 अरब डॉलर डॉलर की हो गई है।
रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे भी बढ़ने का अनुमान है।
समीक्षा में कहा गया है, "भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के 30 प्रतिशत का हिस्सा है, जिसकी वृद्धि 2019 में घटने का अनुमान नहीं है।"
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया और 2017 में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा, और 2019 में सबसे बड़ी आर्थिक रैंकिंग में इंग्लैंड से आगे निकलने की संभावना है।
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बजट 2019 : महंगा होगा पेट्रोल और डीजल
नयी दिल्ली: बजट 2019 में पेट्रोल और डीजल का इसतेमाल करने वालो की लिए कुछ ख़ास खबर नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी प्रति लीटर एक रुपये की वृद्धि करने की घोषणा की है। साथ ही साथ सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाने का एलान किया। जिसका मतलब यह है की पेट्रोल और डीजल दोनों दो-दो रुपया महंगा होगा।
इससे सरकार को राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। केंद्र ने पिछले वित्तीय वर्ष में पेट्रोलियम उत्पादों पर करों से 2.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की।
पेट्रोल और डीजल के महंगे होने से इसका असर आम जनता सहित काफी सारे उद्योग पर भी पड़ सकता है।
इन चीजों के बढ़ाए गए दाम: पेट्रोल-डीजल के अलावा PVC पाइप्स, टाइल्स, ऑटो पार्ट्स, मार्बल स्लैब, ऑप्टीकल फाइबर, CCTV कैमरा, इंपोर्टेंट किताबें, सोना और कीमती धातु इन सब के भी दाम बढ़ाये गए है।
विशेषज्ञों के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश किये गए बजट में ना ही आम जनता पे न कोई खास राहत दी है और न कोई ज्यादा बोझ डाला है.
इन चीजों के दाम में की गई कटौती: आर्टिफिशियल किडनी, डायलिसिस मशीन, न्यूक्लियर फ्यूल।
सीतारमण ने होम लोन लेने में अतिरिक्त ब्याज छूट देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 45 लाख तक के घर पर अब 1.5 लाख की अतिरिक्त ब्याज छूट मिलेगा।
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जहरीली शराब के बिक्री पर उत्तर प्रदेश सरकार करेगी कड़ी कार्रवाई - Isha Waykool Published on: 04.07.2019
जहरीली शराब के बिक्री पर उत्तर प्रदेश सरकार करेगी कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से निर्मित मदिरा एव विषाक्त मदिरा के संचय, परिवहन और बिक्री के कारण होने वाली जनहानि के प्रकरणों पर कठोर रूप अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से ऐसे अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जिला मजिस्ट्रेटों को दिये गये है.
इस सम्बन्ध मे प्रमुख सचिव, आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने सभी मंडलायुक्तों जिल्हा मजिस्ट्रेटों और आबकारी आयुक्त को निर्देश देते हुए कहा की मदिरा से होने वाली जनहानि के मामलो में संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, १९१० (यथा संशोधित) की धारा – ६० (क) के अतिरिक्त भारतीय दण्ड संहिता कि धारा- २७२, २७३ एव ३०४ (गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड) और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. उन्होने कहा की विषाक्त मदिरा के सेवन से होने वाली जनहानि, अपंगता और गंभीर शारीरिक क्षति के प्रकरणों में कठोर दंड दिलवाने हेतू सक्षम न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत कर प्रभावी रूप से अभियोजन की कार्यवाही की जाये। शासन द्वारा यह भी निर्देश निजात किया गया की इस सम्बन्ध में अविलम्ब प्रभावी कार्यवाही अमल में लायी जाये।
प्रमुख सचिव आबकारी के अनुसार यदि दोषियों द्वारा अवैध मदिरा के निर्माण या तस्करी के कार्य के पुनरावृति की जाती है तो उनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत अभीयोग पंजीकृत करने और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी कार्यवाही करने पर विचार करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने मंडलायुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों और आबकारी आयुक्तों को विभिन्न अभियोगों में अभियोजन की कार्यवाही विशेष न्यायालयों के समक्ष वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी / जिल्हा शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से प्रभावी रूप से सम्पादित करने के निर्देश भी दिये है. उन्होंने कहा की अगर किसी जिल्हे में विशेष न्यायालय का गठन नहीं हुआ है तो तत्काल अगली समन्वय समिति के माध्यम से गठन करना तत्काल सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय कि विषाक्त मदिरा के सेवन से होने वाली जनहानि, अपंगता एव गंभीर शारीरिक क्षति के प्रकरणों में आरोप सिद्ध पाए जाने कि दशा मे आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड तक के प्राविधान संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, १९१०( यथा संशोधित) की धारा – ६० (क) मे है. इसके अतिरिक्त भारतीय दंड सहित के धारा- २७२ एवम २७३ मे अपायकर खाद्य या पेय पदार्थो के अपमिश्रण के लिए दोषियों को दण्डित किये जाने, साथ ही धारा – ३०४ (गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड) के लिए १० वर्ष का कठोर करवास का प्राविधान है।
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GST से हरियाणा सरकार हुई मालामाल
हरियाणा सरकार ने पिछले दो साल में जीएसटी से बढ़िया राजस्व प्राप्त किया है। जीएसटी ने हरियाणा सरकार को मालामाल किया और सरकार ने जीएसटी से हज़ारो करोड़ रुपये कमाए।
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मंगलवार को कहा कि राज्य में माल और सेवा कर (जीएसटी) के तहत 2,00,000 से अधिक नए पंजीकरण दर्ज किए गए हैं। अब प्रदेश में जीएसटी के तहत करदाताओं की संख्या 4.25 लाख हो गई है।
मंत्री ने कहा कि राज्य में जीएसटी के कार्यान्वयन की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा रही है, जबकि सभी हितधारकों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
अभिमन्यु ने बताया कि दो वर्ष के बाद अभी तक हरियाणा को जीएसटी से 55,231 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि पूरे देश के राज्यों में 11,77,370 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ है।
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नयी तकनीक से उत्पादन बढ़ायेगी ओएनजीसी
नयी दिल्ली 03 जुलाई (UNI) सरकारी तेल अन्वेषण कंपनी ओएनजीसी ने कार्बन डाई-ऑक्साइड आधारित ‘इनहेंस्ड ऑयल रिकवरी’ (सीओ2-ईओआर) तकनीक के लिए तेल शोधन एवं विपणन क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से करार किया है।
इसके लिए इंडियन ऑयल के कोयली तेल शोधन संयंत्र से निकलने वाले कार्बन-डाईऑक्साइड को एकत्र कर उसका इस्तेमाल ओएनजीसी के गांधार तेल क्षेत्र में किया जायेगा। इससे एक तरफ ओएनजीसी का तेल उत्पादन बढ़ेगा, दूसरी तरफ इंडियन ऑयल का कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
ओएनजीसी ने आज बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से तेल की रिकवरी 10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
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जीएसटी में और सुधार की जरूरत : उद्योग जगत
नयी दिल्ली १ जुलाई (UNI) उद्योग जगत ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने की दूसरी वर्षगाँठ पर सरकार को बधाई देते हुये इसे सरल बनाने की दिशा में जीएसटी परिषद् के काम की सराहना की है तथा कहा है कि अब ‘जीएसटी 2.0’ की ओर बढ़ते हुये इसमें स्लैबों की संख्या कम की जाये, पेट्रोलियम, रियल इस्टेट और बिजली को शामिल किया जाये तथा ‘एक देश, एक पंजीकरण’ की व्यवस्था हो।
देश में नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी 01 जुलाई 2017 को लागू की गयी थी। इसमें कर के चार स्लैब पाँच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत तय किये गये हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा “हम जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने तथा महज दो साल में इसे स्थिरता प्रदान करने के लिए जीएसटी परिषद् और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की प्रशंसा करते हैं। …जीएसटी परिषद् उद्योग जगत के समक्ष आने वाले हर मुद्दे को स्वयं पहल कर हल कर रही है। जीएसटी 2.0 भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास के अगले स्तर पर ले जायेगा।”
उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने भी परिषद् के काम की तारीफ करते हुये कहा “जीएसटी परिषद् एवं कर प्रशासकों ने पिछले दो साल में इसे लगातार सरल बनाने, करों की दरों को तर्कसंगत करने और कर आधार बढ़ाने के लिए जिस तरह से काम किया है वह प्रशंसनीय है। अब हमें जीएसटी ढाँचे के निहित उद्देश्य की ओर बढ़ने की जरूरत है जिससे सही मायने में देश में कारोबार करना आसान हो सके।”
दोनों संगठनों ने कर के स्लैबों की संख्या घटाने की माँग की है। फिक्की ने इसे चार से घटाकर तीन करने की माँग की है। सीआईआई ने भी स्लैबों की संख्या चार से घटाकर दो-तीन करने की माँग की है और कहा है कि 28 प्रतिशत का स्लैब सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह वस्तुओं के लिए रखा जाना चाहिये।
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व्यापारिक मुद्दों का समाधान करने पर सहमत हुए मोदी और ट्रम्प
ओसाका 28 जून (UNI) भारत और अमेरिका सभी व्यापारिक मुद्दों का समाधान करने पर सहमत हो गए हैं। विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई एक द्विपक्षीय मुलाकात के बाद पत्रकारों से यह बात कही।
श्री गोखले ने कहा, “ निश्चित तौर पर मैं मानता हूं कि दोनों नेता (श्री मोदी और श्री ट्रम्प) व्यापार मामलों का समाधान निकालने के लिए विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त करने पर सहमत हुए हैं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की पूर्व संध्या पर श्री ट्रम्प ने ट्वीट करके कहा था कि भारत को अमेरिका पर लगाए गए शुल्क वापस लेने होंगे। उन्होंने कहा था कि इस बारे में बातचीत करने के लिए वह उत्सुक हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया,“मैं इस तथ्य के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करने के लिए उत्सुक हूं कि भारत, अमेरिका के खिलाफ बहुत ज्यादा शुल्क लगा रहा है। हाल ही में शुल्क में और इजाफा किया गया। यह अस्वीकार्य है और शुल्क को वापस लेना चाहिए।” विदेश सचिव के मुताबिक श्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच विभिन्न मुद्दों पर खुले मन से चर्चा हुई। इससे पहले श्री मोदी ने हाल में मिली चुनावी जीत पर बधाई देने के लिए श्री ट्रंप को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने श्री ट्रंप से कहा, “भारत में राजनीतिक स्थिरता के लिए जनादेश देने वाले चुनावों के तुरंत बाद हमें बधाई देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं।” श्री मोदी ने इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात से पहले कहा कि अमेरिका और भारत के बीच बातचीत में ईरान और रक्षा समेत अन्य मसलों पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा,“हम अमेरिका के साथ दीर्घकालिक संबंधों के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,“हम सेना सहित कई मामलों पर एक साथ काम करेंगे, आज हम व्यापार पर चर्चा करेंगे।” उन्होंने इस तथ्य पर जोर देते हुए कहा कि भारत-अमेरिका को एक लंबा रास्ता तय करना है और पिछले कुछ वर्षाें में दोनों और करीब आये तथा मजबूत हुए हैं। श्री ट्रम्प ने कहा,“भारत और अमेरिका अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारे देश कभी भी इतने करीब नहीं रहे हैं। मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं।” संसदीय चुनावों में भारी जीत के लिए श्री मोदी को बधाई देते हुए श्री ट्रम्प ने कहा,“आप (श्री मोदी) इसके लायक हैं। आपने लोगों को एकजुट करने में बहुत अच्छा काम किया है।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे याद है कि जब आपने पहली बार सत्ता संभाली थी, तब कई गुट थे और वे एक-दूसरे के साथ लड़ रहे थे और अब वे साथ हो गए। यह आपको और आपकी क्षमताओं के लिए एक शानदार पुरस्कार है।”
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शरद कुमार सर्राफ बने निर्यात कारोबारियों के संगठन भारतीय निर्यातक महासंघ के नये अध्यक्ष - Isha Waykool Published on: 27.06.2019
शरद कुमार सर्राफ बने निर्यात कारोबारियों के संगठन भारतीय निर्यातक महासंघ के नये अध्यक्ष
नयी दिल्ली 27 जून (UNI) टेक्नाेक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के संस्थापक – प्रमुख शरद कुमार सर्राफ को निर्यात कारोबारियों के संगठन भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो)का नया अध्यक्ष चुना गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के स्नातक श्री सर्राफ इससे पहले दो बार फियो के उपाध्यक्ष और पश्चिमी क्षेत्र के चार बार क्षेत्रीय प्रमुख रह चुके हैं। वह पांच विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषद के सदस्य हैं। वह आईआईटी मुंबई के संचालन बोर्ड के सदस्य भी हैं। लगभग चार दशक से निर्यात कारोबार में सक्रिय श्री सर्राफ टैक्सप्रोसिल, भारतीय कपास संघ और भारतीय कपडा उद्योग परिसंघ के प्रबंध समितियों के सदस्य हैं।
श्री सर्राफ को भारतीय निर्यात कारोबार में नवाचार के लिये जाना जाता है। उन्होंने विभिन्न देशों में वितरण केंद्र स्थापित किये हैं जिनसे निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है। वह कल फियो की बोर्ड बैठक में अध्यक्ष पद संभालेगें।
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75,000 GST डिफॉल्टरों को नोटिस जारी
माल और सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने हाल ही में गुजरात में लगभग 75,000 डिफॉल्टरों की पहचान की है और उन्हें जीएसटी शासन के तहत करों का भुगतान न करने के लिए नोटिस जारी किए हैं।
22,000 व्यवसायियों को नोटिस दिए गए है क्युकी उन्होंने ई-वे बिल जेनरेट किए और GSTR-1 भी दायर किया, लेकिन GSTR-3B में असफल रहे जो कर के भुगतान के साथ है। GSTR-1 पंजीकृत करदाताओं द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली बाहरी आपूर्ति का मासिक विवरण है, जबकि GSTR-3B बी एक मासिक जीएसटी रिटर्न है।
इसके अलावा, कर क्रेडिट दावों में विसंगतियों के लिए 15,000 से अधिक व्यापारियों को नोटिस दिए गए है। अन्य 30,000 नोटिस उन लोगों को जारी किए गए जिन्होंने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है। अन्य 8,000 व्यापारियों ने अधिकारियों से नोटिस प्राप्त किए क्योंकि वे जीएसटी करदाता के रूप में पंजीकृत होने के बाद से रिटर्न दाखिल करने में विफल रहे हैं।
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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आचार्य ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली 24 जून (UNI) रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
रिजर्व बैंक ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि श्री आचार्य ने कुछ समय पहले ही जानकारी दी थी कि वह 23 जुलाई से पद छोड़ना चाहते हैं।
श्री आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने के करीब छह माह पहले ही पद को छोड़ दिया है।
यह करीब सात माह के भीतर दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है।
इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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बाजार पूंजीकरण करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये बढ़ा
मुंबई 20 जून (UNI) वैश्विक एवं घरेलू कारकों से शेयर बाजार में रही तूफानी तेजी से गुरूवार को बीएसई का बाजार पूंजीकरण करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये बढ़ गया।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव को कम करने के लिए वार्ता होने की संभावना बढ़ने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में अगले महीने कमी करने की संभावना से वैश्विक बाजार में जबरदस्त तेजी दर्ज की गयी। घरेलू स्तर पर सरकार ने कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारी निवेश किये जाने की उम्मीद जतायी है जिससे निवेशधारणा को बल मिला।
शेयर बाजार में इस तूफानी तेजी से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। गत कारोबारी दिवस बीएसई का बाजार पूंजीकरण 14956109.64 करोड़ रुपये रहा था जो गुरूवार को बढ़कर 15130670.73 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 488.89 अंक उछलकर 39601.63 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 140.30 अंक चढ़कर 11831.75 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान छोटी और मझौली कंपनियों में भी लिवाली का जोर रहा जिससे बीएसई का मिडकैप 1.64 प्रतिशत चढ़कर 14680.10 अंक पर और स्मॉलकैप 1.05 प्रतिशत बढ़कर 14064.86 अंक पर रहा।
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वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ बजट पूर्व चर्चा
नयी दिल्ली 20 जून (UNI) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की बैठक में वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ वर्ष 2019-20 के आम बजट को लेकर चर्चा की। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुयी परिषद की इस 20वीं बैठक में सभी नियामकों ने बजट को लेकर अपनी प्रस्तुती भी दी लेकिन क्या क्या सुझाव दिये गये इसके बारे में जानकारी नहीं दी गयी है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसमें वित्तीय डाटा एकीकरण और वित्तीय क्षेत्र में एक कंप्यूटर अपात रिपोंस दल के रूप में विश्लेषण करने के लिए स्थापित किये जाने वाले वित्तीय डाटा प्रबंधन सेंटर के क्षेत्र में हुयी प्रगति की समीक्षा की गयी। इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास,वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवायें विभाग के सचिव राजीव कुमार, कंपनी मामलों के सचिव इंजेति श्रीनिवास, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम, सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाश चंद्र खुटिंया, इंसोल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एम एस साहू, वित्तीय सेवायें विभाग के अतिरिक्त सचिव एवं पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के प्रभारी अध्यक्ष रवि मितल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में वर्तमान वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति की समीक्षा की गयी और वित्तीय स्थिरता पर चर्चा की गयी।
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महाराष्ट्र में 20292.94 करोड़ के घाटे का बजट पेश
मुंबई, 19 जून (UNI) महाराष्ट्र विधान सभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने 20292.94 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया। पिछले वर्ष 14960़ 94 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया गया था।
राज्य सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधान सभा में और राज्य मंत्री दीपक कासेरकर ने विधान परिषद में बजट पेश किया।
अतरिक्त बजट पेश करते हुए श्री मुनगंटीवार ने कहा कि अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 3,14,640.12 करोड़ रुपये हैं, जबकि राजस्व व्यय 3,34,933.06 करोड़ रुपये अनुमानित है। उन्होंने कहा कि फरवरी में 403207 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया गया था और नये सामानों के लिए खर्च में 1586 करोड़ रुपये की वृद्धि हुयी।
व्यावसायिक कर अधिनियम के बारे में, उन्होंने कहा कि देर से पंजीकरण के लिए नामांकन धारक के संबंध में जुर्माने का प्रावधान 1.25 प्रतिशत के निर्धारित ब्याज के बदले में किया जाता है।
महाराष्ट्र मूल्य वर्धित कर अधिनियम के तहत, मंत्री ने बताया कि एक करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले डीलरों और 25,000 रुपये या एक वर्ष से कम की कर देयता के लिए ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।
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मानसून की प्रगति, वैश्विक कारकों से तय होगी बाजार की चाल
मुंबई 17 जून (UNI): घरेलू और वैश्विक कारकों से बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार पर दबाव दिखा जिसके कारण बीएसई का सेंसेक्स 163.83 अंक अर्थात 0.41 प्रतिशत गिरकर 39452.07 अंक पर रहा जो तीन सप्ताह का निचला स्तर है। इसी तरह से एनएसई का निफ्टी 47.35 अंक अर्थात 0.4 प्रतिशत उतरकर 11823.30 अंक पर रहा।
इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल मानसून की प्रगति और वैश्विक कारकों से तय होगी। घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आंकड़े आ चुके हैं और महंगाई का कुछ असर बाजार पर दिख सकता है।
बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी कैपिटलऐम के शोध प्रमुख रोमेश तिवारी के अनुसार घरेलू स्तर पर सभी प्रमुख आंकड़े आ चुके हैं। इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक हो रही है और दो दिवसीय इस बैठक के बाद 19 जून को नीतिगत दरें जारी की जायेगी जिसमें ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है। यदि ब्याज दरों में कमी की जाती है भारतीय शेयर बाजारों पर दबाव दिख सकता है। वैसे बाजार के अगले सप्ताह सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
बाजार विश्लेषण करने वाली कंपनी एेपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि अब निवेशकाें की नजर नयी सरकार के पूर्ण बजट पर है और इसलिये बाजार में अधिक उतार चढ़ाव अभी संभावना बहुत कम है लेकिन वैश्विक कारकों जैसे कच्चे तेल में घटबढ़ और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कमी करने से पूरी दुनिया के बाजार प्रभावित होंगे और उससे भारतीय बाजार भी अछूते नहीं रह सकते हैं।
बीते सप्ताह चीन ने अमेरिका और यूरोप से आयातित स्टील के पाइप और ट्यूब जैसे उत्पादों पर शुल्क में भारी बढोतरी कर दी जिससे इनके बीच व्यापार तनाव के फिलहाल कम होने की संभावना बहुत कम हो गयी है। इस बीच भारत ने भी अमेरिका से आयात किये जाने वाले कुछ उत्पादों पर शुल्क में बढोतरी कर दी है। इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध में और तेजी आने की आशंका जतायी जा रही है। इसका भी बाजार पर असर होगा।
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खाद्य एवं कृषि से जुड़े मसलों पर व्यवहार्य नीतिगत एजेंडा बने - Isha Waykool Published on: 14.06.2019
खाद्य एवं कृषि से जुड़े मसलों पर व्यवहार्य नीतिगत एजेंडा बने
नयी दिल्ली, 14 जून (UNI) भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद (आईसीएफए) की ओर से यहां आयोजित एक बैठक में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के कई प्रतिनिधियों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक मे कृषि क्षेत्र की प्रगति, सतत विकास और किसानों की आय से संबंधित मुद्दों पर खास चर्चा हुई। यहां जारी बयान के अनुसार बुधवार को हुई इस बैठक में खाद्य एवं कृषि क्षेत्रों से जुड़ी बड़ी हस्तियों ने राय जाहिर की कि इन मसलों पर एक व्यावहारिक नीतिगत एजेंडा बनाया जाये।
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मई में व्यापार घाटा बढ़कर पहुंचा 15.36 अरब डॉलर
नयी दिल्ली 15 जून (UNI) इस वर्ष मई में देश का निर्यात 29.99 अरब डॉलर और आयात 45.35 अरब डॉलर रहा जिससे व्यापार घटा बढ़कर 15.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि मई 2018 में यह 14.62 अरब डॉलर रहा था।
पिछले वर्ष मई में निर्यात 28.86 अरब डॉलर रहा था। मई 2019 में निर्यात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.93 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गयी है। इस दौरान देश का आयात भी बढ़ा है। पिछले वर्ष मई में आयात 43.48 अरब डॉलर रहा था। पिछले वर्ष की आयात की तुलना में इस वर्ष इसमें 4.31 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है।
मई में सेवा क्षेत्र का निर्यात 18.06 अरब डॉलर रहा जबकि इस क्षेत्र में आयात 11.40 अरब डॉलर रहा। इस तरह सेवा क्षेत्र में आयात में 6.6 अरब डॉलर अतिशेष रहा है।कुल आयात में तेल आयात की हिस्सेदारी 12.44 अरब डॉलर रहा जो पिछले वर्ष मई में तेल आयात बिल से 8.23 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान स्वर्ण आयात में मई 2018 के आयात की तुलना में करीब 42 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है और यह राशि 33696 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। देश से निर्यात होने वाली वस्तुआें में से इलेक्ट्रानिक उत्पादों के निर्यात में सबसे अधिक 51 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है। इसके बाद रसायन 21 प्रतिशत, दवा 11 प्रतिशत और इंजीनियरिंग 4.46 प्रतिशत शामिल है। अब इलेक्ट्रानिक उत्पादों के आयात में गिरावट आने लगी है और इस पिछले वर्ष मई की तुलना में मई 2019 में इसमें 3.17 प्रतिशत की कमी आने लगी है।
